सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले गांधी जी के विचार

1- गांधी जयंती

 

2- खादी मेरी शान है, कर्म ही मेरी पूजा है, सच्चा मेरा कर्म है और हिंदुस्तान मेरी जान है

 

3- दीया जलाना है तो अंधेरों में जलाइए, उजालों में क्या रखा है, अपने मन को दयालु बनाइए, क्रूरता में क्या रखा है। 

 

4- व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है। 

 

5- सिर्फ एक सत्य, एक अहिंसा, दो हैं जिनके हथियार, उन हथियारों से ही तो, कर दिया हिंदुस्तान आजाद, ऐसे अमर आत्मा को करो मिलके सलाम

 

6- एक कायर प्यार का प्रदर्शन करने में असमर्थ होता है, प्रेम बहादुरों का विशेषाधिकार है। 

 

7- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।

 

8- क्रोध और असहिष्णुता बुद्धि के दुश्मन हैं।

 

9- जियो ऐसे कि तुम कल मरने वाले हो, सिखो ऐसे कि तुम हमेशा जिने वाले हो..

 

10- आँख पे ऐनक, हाथ में लाठी बापू चलते सीना ताने शान से दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग-ढाल के साबरमती के संत मेरे बापू हैं कमाल के.

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