ऐसे लोगो का खूब होता है विदेशो में आना-जाना

मानव जीवन में कई तरह की उत्सुकता देखी जा सकती है। ऐसी ही एक खास उत्सुकता है भविष्य। जी हां भविष्य के बारे में तो हर इंसान जानने की उत्सुकता रखता है, जिसको देखो वही भविष्य जानना चाहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, शास्त्र एक ऐसा माध्यम है, जो आपके इस सवाल का भी जवाब देता है। यहां पर आज हम एक ऐसे ही विषय पर चर्चा करने वाले हैं, जिसमें हम यह जानेंगे कि आखिर कैसे लोगो को समुद्री यात्राएं नसीब होती हैं। तो चलिए जानते हैं कि भविष्य में किन लोगो को समुद्री यात्राएं करना पड़ेगा।

मणिबंध से निकलकर यदि कोई रेखा यदि मंगल पर्वत की ओर जाए तो वह व्यक्ति जीवन में समुद्री विदेश यात्राएं करता है। प्रथम मणिबंध से ऊपर उठकर चंद्र पर्वत पहुंचने वाली रेखाएं सर्वाधिक शुभ मानी जाती हैं। इससे यात्रा सफल और लाभदायक होती है। चंद्र पर्वत से निकलकर जब कोई रेखा भाग्य रेखा को काटती हुई जीवन रेखा में जाकर मिल जाए तो व्यक्ति दुनियाभर के देशों की यात्रा करता है। यदि जीवन रेखा स्वतः घूमकर चंद्र पर्वत पर पहुंच जाए, तो वह जातक अनेक दूरस्थ देशों की यात्राएं करता है और उसकी मृत्यु भी जन्मस्थान से बहुत दूर किसी अन्य देश में ही होती है।

यदि चंद्र पर्वत से उठने वाली आड़ी रेखाएं चंद्र पर्वत को ही पार करती हुई भाग्य रेखा में मिल जाएं, तो दूरस्थ देशों की महत्वपूर्ण व फलदायी यात्राएं होती हैं। यदि किसी जातक के दाहिने हाथ में दो विदेश यात्रा रेखाएं हों और बायें हाथ में रेखाएं न हों अथवा रेखा के प्रारंभ में कोई क्रास या द्वीप हो, तो विदेश यात्रा में कोई न कोई बाधा उत्पन्न हो जाएगी अथवा जातक स्वयं ही उत्साहहीन होकर विदेश यात्रा को रद्द कर देगा। यदि यात्रा रेखाएं टूटी-फूटी अथवा अस्पष्ट हो, तो यात्रा का सिर्फ योग ही घटित होकर रह जाता है। प्रत्यक्ष में कोई यात्रा नहीं होगी। यात्रा रेखा पर यदि कोई क्रॉस हो, तो यात्रा के दौरान एक्सीडेंट अथवा अन्य किसी दुखद घटना के होने की पूर्ण आशंका रहती है।

 

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