नई दिल्ली: उत्तराखंड में तबाही का जायजा लेने आज वैज्ञानिकों की दो टीमें जोशीमठ और तपोवन का दौरा करने वाली है। वैज्ञानिकों की इस टीम में ग्लेशियर की सूचना रखने वाले ग्लेशियोलॉजिस्ट मौजूद होंगे। वैज्ञानिकों की ये टीम ग्लेशियर टूटने की कारणों का पता लगाया जाने वाला है। साथ ही DRDO एक्सपर्ट की एक टीम भी जोशीमठ का दौरा करने वाली है। DRDO की टीम आसपास के ग्लेशियरों का जायजा लेने वाली है। मिली जानकारी के मुताबिक, हिंदुस्तानी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने नुकसान और जिसके वजह से विश्लेषण करने के लिए अधिकारियों की एक टीम उत्तराखंड भेजने का निर्णय किया है। टीम के सदस्यों की तादाद, उनके नाम या उनके द्वारा जाने वाले स्थान अभी तक तय नहीं किए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक आज शाम तक इसे अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। सेना के अथक प्रयासों के बाद सुरंग का मुंह साफ हुआ: भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि इंजीनियरिंग टास्क फोर्स सहित सेना के कर्मियों के अथक कोशिशों के उपरांत सुरंग का मुंह साफ किया गया। जेनरेटर और सर्चलाइट लगाकर रात्रि भर कार्य किया जा रहा है। फील्ड हॉस्पिटल ने घटना स्थल पर चिकित्सा मदद प्रदान की। भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर को पहली रोशनी से पहले शुरू की गई बचाव टीमों को सम्मिलित करने के लिए रखा गया है। इसने हिमस्खलन के खतरे का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण किया जाने वाला है। After tireless efforts of Army personnel, including Engineering Task Force, the mouth of the tunnel was cleared. Work continued throughout the night with earthmovers by installing generators and search lights. Field Hospital providing medical aid at the incident site: Indian Army pic.twitter.com/3Ajou2JjDX ANI February 8, 2021 देशभर में तेज हुआ कोरोना का कहर, सामने आए 11,831 नए केस ग्लेशियर के फटने से 14 लोगों की हुई मौत, अब भी कई लापता त्रिपक्षीय एमओयू ने लेह में भारत की पहली भू-तापीय क्षेत्र विकास परियोजना स्थापित करने के लिए किए हस्ताक्षर