सरकार एक बार फिर मुकर गई अपने वादों से, दिया आम आदमी को बड़ा झटका

नई दिल्ली : आपको मोदी जी का वो भाषण तो याद होगा जो उन्होंने नोटबंदी के समय दिया था. कि आपके पास पुराने नोट जमा करवाने के लिए 50 दिन का मतलब 30 दिसंबर तक का टाइम हैं. और जो किसी कारण वश इस समय सीमा में नोट नही जमा करवा पाएंगे उन्हें 31 मार्च तक का टाइम दिया जायेगा वो डायरेक्ट आरबीआई के दफ्तर में जाकर नोट न जमा करा पाने की वजह बताकर नोट जमा करवा सकते हैं. मगर में आपको यहाँ बता दू कि पूरे देश के लोगो ने मोदी जी के भाषण को गलत सुन लिया था.

दरअसल यह छूट सिर्फ कुछ खास लोगों के लिए तय की गई थी. ये छूट सिर्फ उनके लिए थी जो 10 दिसंबर से 30 दिसंबर तक देश में थे ही नही. मतलब आप समझे कि यदि आपके पास पुराने नोट हैं. तो अब वो बेकार हो गए हैं क्योंकि यदि आप अब उसे आरबीआई के दफ्तर जमा करवाने जायेंगे तो आपको बताना पड़ेगा कि आप 10 से 30 दिसंबर के बीच कहा थे. वो भी सबूत के साथ. सोमवार को कई शहरों में लोग आरबीआई के दफ्तरों पर पुराने नोट एक्सचेंज करवाने के लिए जमा हुए, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. इस मामले में रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने भी यही कहा कि 31 मार्च तक का ग्रेस पीरियड सिर्फ उन लोगों के लिए था, जो निर्धारित अवधि के दौरान देश में थे ही नहीं.

खबरों के अनुसार वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने साफ किया कि अध्यादेश के मुताबिक, 30 दिसंबर के बाद सिर्फ उनके ही पुराने नोट बदले जाएंगे, जो निर्धारित 50 दिनों के समय में देश से बाहर थे. और उन्हें आरबीआई को अपनी अनुपस्थिति का पुख्ता कारण भी बताना होगा.  

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