'पीड़िता के साथ लड़के के रोमांटिक रिश्ते थे..', यौन उत्पीड़न के आरोपित को हाई कोर्ट ने दी जमानत

शिलॉन्ग: मेघालय उच्च न्यायालय ने सोमवार (नवंबर 22, 2021) को यौन शोषण के एक ‘किशोर’ आरोपित की जमानत याचिका ये कहते हुए स्वीकार कर ली कि आरोपित और पीड़िता के बीच रोमांटिक संबंध था और उसी दौरान उनमें संबंध स्थापित हुए थे। आरोपित के खिलाफ इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत सुनवाई हो रही थी। अदालत ने 20 हजार रुपए के निजी मुचलके पर याचिका को स्वीकार कर लिया। आरोपित को निर्देश दिए गए कि वो मामले के गवाहों के साथ छेड़खानी न करे और न ही फरार हो या न ही लोअर कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर निकले।

न्यायमूर्ति डब्ल्यू डिएंगदोह ने कहा कि प्रथम दृष्टया में यह साफ़ है कि दोनों के बीच रोमांटिक रिश्ता था और उनके बीच यौन संबंध सहमति से बने थे। अदालत ने ये भी कहा कि इस तथ्य के बाद भी कि पीड़ित के नाबालिग होने के मामले में सहमति को नहीं माना जाता। कोर्ट द्वारा जमानत देने की याचिका पर विचार किया जा रहा है। अदालत ने मामले को सुनते ही इस बात को गौर किया कि पीड़िता और आरोपित के बीच में संबध थे और इस मामले में शिकायत पीड़िता की माँ द्वारा की गई है। अदालत ने कहा कि ये प्रमाण मिलने का विषय है कि कथित अपराध पॉक्सो एक्ट के प्रावधान के मुताबिक यौन उत्पीड़न को गठन करता है।

आरोपित के वकील सीबी सेवियन ने कहा कि उनका क्लाइंट उस वक़्त किशोर था और अपनी किए का परिणाम समझने में सक्षम नहीं था। ऐसे में उसे यदि क्रिमिनल्स के साथ रखा जाएगा तो उसके भविष्य पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। वहीं पीड़िता के पक्ष से अतिरिक्त वकील जनरल बी भट्टाचार्जी ने कहा कि आरोपित वयस्क था, जिसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। पॉक्सो अधिनियम के प्रावधान अपराध की गंभीरता के बीच अंतर नहीं करते हैं चाहे वह रोमांटिक रिश्ते का नतीजा हो।

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