शाहीनबाग़ मामले पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख़ टिप्पणी, कहा- प्रदर्शन के दौरान रोड ब्लॉक करना गैरकानूनी

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में दिसंबर 2019 में काफी दिनों तक चले विरोध प्रदर्शन के मामले में शीर्ष अदालत ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के अधिकार के केस में कोई सार्वभौमिक नीति नहीं हो सकती है। परिस्थितियों के अनुरूप संतुलन बनाए रखने के लिए रोड ब्लॉक करने जैसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए संतुलित कार्रवाई आवश्यक है।

अदालत ने कहा कि इस मामले में फैसला बाद में सुनाया जाएगा। कोरोना वायरस महामारी की आशंका और इस कारण निर्धारित मानदंडों के पालन के दौरान यहां पर स्थिति नार्मल हुई थी। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कुछ परिस्थितियों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह किसी के हाथ में नहीं था। ईश्वर ने खुद ही इसमें दखल दिया।

शशांक त्रिवेदी समेत विभिन्न वकीलों की दलीलों का संज्ञान लेते हुए पीठ ने कहा हमें विरोध प्रदर्शन के अधिकार और रोड ब्लॉक करने में संतुलन बनाना होगा। हमें इस मुद्दे के बारे में विचार करना होगा। इसके लिए कोई सार्वभौमिक नीति नहीं हो सकती, क्योंकि मामले दर मामले स्थिति भिन्न हो सकती है। बेंच ने कहा संसदीय लोकतंत्र में संसद और सड़कों का विरोध प्रदर्शन हो सकता है, किन्तु सड़कों को शांतिपूर्ण रखना होगा।

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