गणतंत्र दिवस हिंसा पर 'सुप्रीम' सुनवाई आज, जांच के लिए आयोग बनाने की मांग

नई दिल्‍ली: गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर आज शीर्ष अदालत में दाखिल की गई याचिकाएं पर सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन के नेतृत्व वाली बेंच सुनवाई कर सकती है। एक याचिका में जांच के लिए आयोग के गठन का भी आग्रह किया है और गणतंत्र दिवस की घटना की भी जांच-पड़ताल की मांग की गई है।

इसके साथ ही दूसरी याचिका में मीडिया को किसान आंदोलन की कवरेज के लिए दिशा-निर्देश देने का आग्रह किया गया है और किसानों को आतंकवादी कहने पर रोक लगाने का अनुरोध भी किया गया है। अब तक लगभग पांच दलीलें सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं, जो हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं में से एक ने NIA से गणतंत्र दिवस हिंसा की अदालत-निगरानी जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं। याचिका में कहा गया है कि आंदोलनकारियों को सरकार के विरोध के नाम पर हिंसा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध निरपेक्ष नहीं हो सकता है और दूसरों के अधिकारों पर विचार करना चाहिए।

एक अन्य याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के लिए जिम्मेदार लोगों या संगठन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया।" याचिका में कहा गया है कि, ''दुर्भाग्य से, ट्रैक्टर परेड ने हिंसक मोड़ ले लिया है, जिससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस घटना ने लोगों के दैनिक जीवन को भी प्रभावित किया।"

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