स्मृति ईरानी पर अभद्र टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर शहरयार को SC ने लताड़ा, ख़ारिज की जमानत याचिका

नई दिल्ली: फिरोजाबाद के SRK कॉलेज में इतिहास के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शहरयार अली ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर अभद्र टिप्पणी की थी। शुक्रवार (जुलाई 9, 2021) को शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई की। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग किसी को बदनाम करने के लिए नहीं किया जा सकता है। अदालत ने उक्त प्रोफेसर को गिरफ़्तारी से राहत नहीं दी है।

उसने फेसबुक पर स्मृति ईरानी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए किसी व्यक्ति की आलोचना की जा सकती है या मजाक बनाया जा सकता है, किन्तु इस दौरान भाषा की मर्यादा का ध्यान रखा जाना चाहिए। दरअसल, प्रोफेसर शहरयार अली ने जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे ख़ारिज करते हुए अदालत ने उसे गिरफ्तार से संरक्षण देने से साफ़ इंकार कर दिया।

शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि, 'आप इस प्रकार महिलाओं को बदनाम नहीं कर सकते। आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल केवल किसी की मानहानि करने के लिए नहीं कर सकते। आखिर किस तरह की भाषा का उपयोग किया जा रहा है? आलोचना या मजाक करने की भी एक भाषा होती है। ऐसा नहीं है कि आप कुछ भी कह दीजिए।' शहरयार अली ने सारी मर्यादा तोड़ते हुए ईरानी पर बेहद अश्लील टिप्पणी कर डाली थी। 

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