लोकसभा चुनाव: सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका

नई दिल्‍ली: ईवीएम का 50 प्रतिशत वीवीपीएटी की पर्चियों से मिलान कराने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व आदेश में परिवर्तन करने से इनकार कर दिया है. इस तरह शीर्ष अदालत ने ईवीएम और वीवीपीएटी के मिलान की तादाद बढ़ाने से मना कर दिया है. अदालत ने इसके साथ ही बयान देते हुए कहा कि एक ही मामले की कितनी बार सुनवाई करें? 

उल्लेखनीय है कि अदालत ने अपने पूर्व आदेश में 50 प्रतिशत की मांग को सिरे से खारिज करते हुए हर असेंबली (Constituency) से 1 के स्थान 5 वीवीपीएटी (vvpat) के मिलान करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ 21 विपक्षी पार्टियों ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. शीर्ष अदालत ने उसी मामले में मंगलवार को अपने पुराने रुख को कायम रखते हुए यह फैसला सुनाया है. हालांकि आज सुनवाई के दौरान प्रमुख विपक्षी नेता चंद्रबाबू नायडू, फारुख अब्दुल्ला, डी राजा और अहमद पटेल अदालत में मौजूद रहे. 

आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने अदालत में कहा था कि दुनिया के 191 देशों में से केवल 18 देशों ने ईवीएम को अपनाया है, जिनमें से 3 देश 10 सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में शुमार हैं. नायडू ने चिंता जताते हुए कहा था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और उनमें गड़बड़ी भी उत्पन्न हो सकती है.

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