सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा, हटा देनी चाहिए धारा 370 और अनुच्छेद 35ए

हैदराबाद: सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एन संतोष हेगड़े ने मंगलवार को कहा है कि अनुच्छेद 35ए और धारा 370 को खत्म करने की आवश्यकता है क्योंकि वे अन्य प्रदेशों के अधिकारों के विपरीत हैं. इन अनुच्छेदों के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है. उन्होंने कहा है कि 1948 में जब कश्मीर के महाराजा राज्य का भारत में विलय करने पर राजी हुए थे, तब संविधान के अनुच्छेद 35ए और धारा 370 के तहत वहां की जनता को कुछ आश्वासन दिया गया था.

हेगड़े ने कहा है कि इसके शब्द ऐसे लगते हैं जैसे जिन हालातों में ये आश्वासन दिए गए वे स्थायी हैं और इसके बाद देश में जो वारदातें हुईं वे दिखाती हैं कि इन धाराओं को कायम रखना संभव नहीं है क्योंकि अगर कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, तो इसे अन्य प्रदेशों की तुलना में अलग दर्जा नहीं दिया जा सकता है. भारत के पूर्व सॉलीसीटर जनरल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'इसलिए आज के परिप्रेक्ष्य में दोनों अनुच्छेद पूरे देश के लिए बहुत दिक्कतें पैदा कर रहे हैं. इसलिए मेरा मानना है कि इन धाराओं को कायम रखना संभव नहीं है.'

हेगड़े ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि आज की स्थिति में आवश्यक है कि इन धाराओं को समाप्त कर दिया जाए क्योंकि उस कानून के तहत दी गई कुछ स्वायत्तता अन्य प्रदेशों के अधिकारों के विपरीत है और अगर कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है तो इसका दर्जा अन्य प्रदेशों के बराबर ही होना चाहिए.’’ 

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