लेनिन विवाद पर तस्लीमा नसरीन ने दी 'नसीहत'

त्रिपुरा में वाम विचारक व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमाओं को गिराए जाने पर बांग्लादेश की विवादित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि लोग अपनी भावना पर काबू नहीं रख पाते. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हारे हुए पक्ष को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. ऐसा मध्य युग में होता था. रीडर्स डाइजेस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मूर्तियां गिराए जाने की घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए तस्लीमा ने कहा कि, 'यह लोकतंत्र है और मध्य युग का युद्ध नहीं है जिसमें जीतनेवाला हारे हुए पक्षों के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट करता था.'

उन्होंने कहा कि, 'वह उस दौर की बात है जिसे हम अंधा युग कहते हैं. लेकिन, यह आधुनिक समय है. अगर कोई पक्ष हार गया, तो वह आपका शत्रु नहीं है. वह सिर्फ आपका राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है.' तस्लीमा ने कहा कि, अगर कोई लेनिन को पसंद नहीं करता है, तो वह उनकी विचारधारा को नहीं माने, लेकिन उनकी मूर्तियां तोड़ने की कोई जरूरत नहीं है.

इस कार्यक्रम के इतर तस्लीमा ने ट्विटर के जरिये भी देशभर में हुई मूर्ती क्षतिग्रस्त किए जाने की घटनाओं का जिक्र किया. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'लेनिन, पेरियार, अांबेडकर, सुभाष बोस की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त किया गया है. लोग अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाते. चिंता नहीं कीजिये. मूर्तियां फिर से लग जायेंगी.'

 

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