अगर बनना चाहते हैं रॉ एजेंट, तो जान लें ये अहम बातें, जो नहीं पता होंगी आपको

आपने बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में देखि होंगी जिसमें एक्टर रॉ एजेंट का भी काम करते हैं. जैसे हाल ही में एक्टर जॉन अब्राहम की फिल्म आयी थी रॉ जिसमें वो एक ख़ुफ़िया एजेंट बने थे. जैसे फिल्मों में बताते हैं एजेंट्स के खतरा, वैसा असल में भी होता है. खुफिया एजेंसी रॉ के एजेंट की जिंदगी भी कुछ ऐसी ही होती हैं जिसमें जान का खतरा हमेशा बना रहता हैं. आज हम आपको एक रॉ एजेंट और इस ख़ुफ़िया एजेंसी से जुड़े अनजाने रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें आप नहीं जानते हैं. 

* अगर आपने इस एजेंसी के बारे में खबरों में या कहीं और ज़्यादा कुछ नहीं सुना है, तो आप इससे अंदाज़ा लगा सकते है कि यह वास्तव में कितना गुप्त हैं.

* राॅ पर RTI नही डाल सकते, क्योंकि यह देश की सुरक्षा का मामला हैं.

* राॅ में शामिल होने के लिए आपके माता*पिता भारतीय होने जरूरी हैं.

* रॉ का सिद्धांत 'धर्मो रक्षति रक्षितः' है, जिसका मतलब है कि जो शख्स धर्म की रक्षा करता है वह हमेशा सुरक्षित रहता हैं.

* राॅ सीधी अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को भेजती है. इसके डायरेक्टर का चुनाव, सेक्रेटरी(रिसर्च) द्वारा होता हैं.

* ऐसे प्रत्याशी जिनका चुनाव रक्षा बलों से हुआ हो उन्हें इसमें शामिल होने से पहले अपने मूल विभाग से इस्तीफा देना आवश्यक हैं.

* मिशन पूरा होने के बाद, अधिकारी को अनुमति होती है कि वह अपने मूल विभाग में वापस शामिल हो सकते हैं. अगर आपके पास इतना शौर्य नहीं बचा है तो आप बेशक वापस जा सकते हैं.

* राॅ में शामिल होना कोई मालामाल होना नही हैं, वो आदमी इससे दूर ही रहे जो रिश्वत लेने वाले या लालची हो.

* सिक्किम को भारत में शामिल करने का श्रेय भी बहुत हद तक रॉ को जाता हैं. रॉ ने वहां के नागरिकों को भारत समर्थक (प्रो इंडियन) बनाने में अहम भूमिका निभाई.

* आपका राॅ में शामिल होने का सपना एक राज होना चाहिए और ये राज किसी को न बताएं.

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