तो ये थे भगवान विष्णु के अवतार विठोबा के परम भक्त

भारत के महाराष्ट्र, कार्नाटक, गोवा, तेलंगाना तथा आंध्रप्रदेश राज्य में व्यक्ति की आस्था का मुख्य केंद्र विठोबा है, यहाँ के लोग इन्ही की पूजा करते है विठोबा को विठ्ठल व पांडुरंग के नाम से भी जाना जाता है. विठोबा के भक्तों में पहला नाम पुंडलिका का आता है आइये जानते है पुंडलिका से जुड़ी कथा क्या है.

यह बात 5/6 वीं सदी की है दांडीवाना के जंगलों में पुंडलिका नाम का व्यक्ति अपने माता-पिता के साथ निवास करता था अपने माता-पिता की सेवा व भगवान विष्णु की भक्ति उसका मुख्य कार्य था. उसकी सेवा भाव को देखकर उसके माता-पिता उसपर बहुत प्रसन्न रहते थे.

कुछ समय के बाद पुंडलिका का विवाह हो गया और विवाह के बाद उसमे जो बदलाव आया उससे उसके माता पिता को बहुत कष्ट उठाना पड़ा. विवाह के बाद उसने अपने माता पिता की सेवा करना छोड़ दिया व उनसे दुर्व्यवहार करने लगा जिससे दुखी होकर उसके माता पिता ने काशी तीर्थ यात्रा पर जाने का निश्चय किया और एक दिन तीर्थ यात्रा के लिए घर से निकल गए.

जब इस बात की जानकारी पुंडलिका को लगी तो वह भी अपनी पत्नी के साथ तीर्थ यात्रा के लिए निकल पड़ा जहाँ मार्ग में उसे उसके माता-पिता मिल गए. अब वह अपने घोड़े व बाकी के सभी कार्य अपने माता पिता से करवाने लगा जिससे उन्हें बहुत दुःख हुआ. जबभी कभी मार्ग में विश्राम के लिए वह रुकते तो पुंडलिका उन्हें विश्राम नहीं करने देता तथा तरह-तरह से उन्हें परेशान करता.

अपनी यात्रा के दौरान जब वह कुकुट्स्वामी के आश्रम पहुंचे तो उन्होंने वहीँ दो तीन दिन विश्राम करने का सोचा और वहीँ रुक गए. रात्री को जब पुंडलिका की नींद खुली तब उसने देखा की कन्याओं का एक समूह गंदे वस्त्रों को धारण कर आश्रम की तरफ चला आ रहा है.

आश्रम में आकर सभी कन्याओं ने आश्रम को साफ़ किया इसके बाद उन्होंने सभी संतों के वस्त्रों को साफ़ किया फिर वह सभी पूजा वाले कक्ष में चली गई लेकिन जब वह वहां से निकली तो उनके वस्त्र किसी देवी की तरह प्रतीत हो रहे थे इसके बाद सभी कन्याएं अंतर्ध्यान हो गई.

यह सब देख पुंडलिका के मन में उनके विषय में जानने की उत्सुकता बढ़ गई तब अगली रात्री को उसने उन कन्याओं से पूंछा की देवी आप कौन है तब कन्याओं में पुंडलिका को अपना परिचय देते हुए कहा की वह सभी गंगा, यमुना नदी का स्वारूप है जिसमे सभी लोग अपने पाप धोते है.

उन्होंने पुंडलिका के विषय में बताया की उसने अपने माता-पिता से दुर्व्यवहार कर घोर पाप किया है इस बात को सुनकर पुंडलिका हैरान हो गया इसके बाद उसने अपना सम्पूर्ण जीवन माता पिता की सेवा व भगवान विष्णु की भक्ति में व्यतीत कर दिया. जिससे भगवान विष्णु ने विठोबा रूप में आकर उसका उद्धार किया.

 

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तो इसलिए व्यक्ति को याद नहीं रहता अपना पिछला जन्म

मुस्लिम ही नहीं हिन्दू धर्म के लिए भी ख़ास है 786

 

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