कोरोना की मार से डोली अमेरिका की अर्थव्यवस्था

वाशिंगटन: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 134000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. कोरोना वायरस की महामारी ने दुनिया की सबसे बड़ी अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. इससे चिंतित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संजीवनी की तलाश शुरू कर दी है.

राष्ट्रपति ट्रंप ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े समूहों का किया गठन: अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े समूहों का गठन किया है, जिनमें गूगल के सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, आइबीएम के अरविंद कृष्ण, माइक्रोन के संजय मेहरोत्रा, पेरनोड रिकॉर्ड की एन मुखर्जी व मास्टरकार्ड के अजय बंगा शामिल किए गए हैं. अन्य प्रमुख लोगों में एपल के टिम कूक, ओरैकल के लैरी एलिसन और फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग शामिल हैं.

कोरोना वायरस के प्रकोप से अमेरिका बुरी तरह प्रभावित: अमेरिका इन दिनों कोरोना वायरस के प्रकोप से बुरी तरह प्रभावित है. देश की 33 करोड़ आबादी में से 95 फीसद लोग घरों में बंद हैं.

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