आज है सीता नवमी, जरूर करें हनुमत्कृत सीतारामस्तोत्रम्का पाठ

आप सभी को बता दें कि आज सीता नवमी है और आज के दिन ही माता सीता का जन्म हुआ था यानी वह प्रकट हुईं थीं.  कहते हैं इस दिन माता सीता का उपवास रखकर उनकी पूजा करना शुभ होता है और इसी के साथ हनुमत्कृत सीतारामस्तोत्रम् का पाठ सबसे बड़ा लाभ दिलवाता है. तो आइए आज हम आपको बताते हैं हनुमत्कृत सीतारामस्तोत्रम् का पाठ जो आपको आज के दिन जरूर पढ़ना चाहिए.

हनुमत्कृत सीतारामस्तोत्रम्- 

अयोध्यापुरनेतारं मिथिलापुरनायिकाम् । राघवाणामलंकारं वैदेहानामलंक्रियाम् ॥१॥ रघूणां कुलदीपं च निमीनां कुलदीपिकाम् । सूर्यवंशसमुद्भूतं सोमवंशसमुद्भवाम् ॥२॥ पुत्रं दशरथस्याद्यं पुत्रीं जनकभूपतेः । वशिष्ठानुमताचारं शतानन्दमतानुगाम् ॥३॥ कौसल्यागर्भसंभूतं वेदिगर्भोदितां स्वयम् । पुण्डरीकविशालाक्षं स्फुरदिन्दीवरेक्षणाम् ॥४॥ चन्द्रकान्ताननांभोजं चन्द्रबिंबोपमाननाम् । मत्तमातङ्गगमनम् मत्तहंसवधूगताम् ॥५॥ चन्दनार्द्रभुजामध्यं कुंकुमार्द्रकुचस्थलीम् । चापालंकृतहस्ताब्जं पद्मालंकृतपाणिकाम् ॥६॥ शरणागतगोप्तारं प्रणिपादप्रसादिकाम् । कालमेघनिभं रामं कार्तस्वरसमप्रभाम् ॥७॥ दिव्यसिंहासनासीनं दिव्यस्रग्वस्त्रभूषणाम् । अनुक्षणं कटाक्षाभ्यां अन्योन्येक्षणकांक्षिणौ ॥८॥ अन्योन्यसदृशाकारौ त्रैलोक्यगृहदंपती। इमौ युवां प्रणम्याहं भजाम्यद्य कृतार्थताम् ॥९॥ अनेन स्तौति यः स्तुत्यं रामं सीतां च भक्तितः । तस्य तौ तनुतां पुण्यास्संपदः सकलार्थदाः ॥१०॥ एवं श्रीराचन्द्रस्य जानक्याश्च विशेषतः । कृतं हनूमता पुण्यं स्तोत्रं सद्यो विमुक्तिदम् । यः पठेत्प्रातरुत्थाय सर्वान् कामानवाप्नुयात् ॥११॥ ॥इति हनुमत्कृतसीतारामस्तोत्रं संपूर्णम्॥

कहा जाता है इसे आज के दिन पढ़ने से बड़ा सा बड़ा संकट टल जाता है और हर समस्या का निदान मिल जाता है. इसके जाप से माता सीता खुश हो जाती है और आपके सभी संकटों को हर लेती हैं. माता सीता आज ही के दिन पकट हुईं थीं और आज उनके साथ भगवान राम और चन्द्रमा का पूजन लाभकारी है.

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