स्वास्थ्य मंत्री शत्रुघ्न सिंहा ने कहा कंपाउंडर के लायक भी नही था मैं

गुवाहाटी : शत्रुघ्न ने ब्रह्मपुत्र साहित्योत्सव में अपने जीवन के पहलुओं का जिक्र करते हुए कहा कि, मेरे बड़े भाई डॉक्टर थे, और मैं कंपाउंडर बनने के काबिल नहीं था, लेकिन मैंने स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर काम किया। राजनीति में आने के सवाल पर उन्होंने कहा, मेरे राजनीति मे आने का लक्ष्य है कि मैं समाज के लिए कुछ करना चाहता था। शत्रुघ्न ने कहा, फिल्मी जीवन में स्टारडम के शिखर से असल जीवन में सबसे निचले स्तर की ओर जाना आसान नहीं होता। तब आपको उपहास, उपेक्षा और दमन का सामना करना पड़ता है। अगर इसे आप पार कर जाते हैं तब आपका जुनून सम्मान के लिए आपका मार्गदर्शन करेगा।

शत्रुघ्न ने अपनी जीवनी ‘एनिथिंग बट खामोश’ के बारे में कहा कि यह जीवन पर लिखी सबसे ईमानदार और पारदर्शी किताब है। साथ ही युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि आप सर्वश्रेष्ठ से बेहतर बनें या सर्वश्रेष्ठ से खुद को कुछ अलग साबित करो। शत्रुघ्न ने यह भी कहा कि मैं मुंबई में स्टार बनने नहीं, बल्कि संघर्ष करने और अभिनेता बनने के लिए गया था।

कुछ लोगों ने वहां मुझे खूबसूरत दिखने के लिए चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी कराने की भी सलाह दी, लेकिन देव आनंद साहब ने कहा कि ऐसा मत करना, जैसे हो वैसे ही रहो। तब मैंने दुनिया को बताया कि मैं जैसा हूं वैसा ही मुझे कबूल करें।

भंसाली मामले में शत्रुघ्न ने कहा 'खामोश.....

फिर से पर्दे पर 'छेनू' व 'डॉन' का होगा मुकाबला....

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