शैलेश लोढ़ा शायरी: आदमी बन जो धरा का भार कंधो पर उठाये, बाँट दे जग को ना अमृत बूँद अधरों पर लगाये...

1- आदमी बन जो धरा का भार कंधो पर उठाये

बाँट दे जग को ना अमृत बूँद अधरों पर लगाये

है जरूरत आज ऐसे आदमी की विश्व को फिर

विश्व का विष सिंधु पी जाए मगर हिचकी ना आये.

2- जिस दिन तू शहीद हुआ ना जाने

किस तरह तेरी माँ सोई होगी

मैं तो बस इतना जानू कि वो गोली भी

तेरे सीने में उतरने से पहले रोई होगी.

3- सच है इरादे हमारे विध्वंसक नहीं है,

अकारण युद्ध के हम भी प्रशंसक नहीं है,

अहिंसा के पुजारी है हम लेकिन

सुन ले दुनिया अहिंसक है हम नपुंसक नहीं है.

4- ताले है चाबियाँ है पर उनका आभास खत्म हो गया है,

पड़ोसी है लेकिन उनका विश्वास खत्म हो गया है.

5- हम जुल्फ की तारीफ़ में सारी रात गीत गा देते है,

सुबह दाल में एक बाल आ जाएँ मुंह पर खींच कर मार देते है.

6- छत नहीं रहती, दहलीज नहीं रहती दीवारों दर नहीं रहता

घर में बुजुर्ग ना हो तो घर, घर नहीं रहता।

7- बच्चों के हाथ में मोबाइल देखता हूँ

तो बड़ा ही कष्ट होता है. इनके माता

पिता से एक ही निवेदन है इनसे

मोबाइल छीन लो और हाथ में किताब दे दो.

8- 21वीं सदी का बस इतना सा प्रभाव है,

पहले अभाव में खुशियां थीं,

अब खुशियों का अभाव है.

9- हम जुल्फ की तारीफ़ में सारी रात गीत गा देते है,

सुबह दाल में एक बाल आ जाएँ मुंह पर खींच कर मार देते है.

Good Night Quotes Hindi: रात को हर तरफ चाँद की कश्ती हो, सपनों में भी...

Goodmorning Quotes: उम्मीद से भरी एक नई सुबह में आपका स्वागत है…

अनमोल विचार: समझ ये बंदे, प्रभु तुझसे दूर नहीं। भक्तों को कष्ट मिले, ये हमारे कान्हा को मंजूर नहीं।।

Related News