आज के समय में कई ऐसे ऐसे खुलासे हो रहे हैं जो चौकाने वाले हैं. ऐसे में हाल ही में वैज्ञानिकों ने जेलीफिश जैसा दिखने वाला ऐसा जीव (परजीवी) खोजा है जो सांस नहीं लेता. जी हाँ, मिली जानकारी के मुताबिक यह ऐसा पहला बहुकोशिकीय जीव है जिसमें माइट्रोकॉन्ड्रियल जीनोम नहीं है. इसी कारण से इस जीव को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है. मिली खबर के मुताबिक लाल रुधिर कणिकाओं को छोड़कर इंसानों में मौजूद सभी कोशिशकाओं में काफी संख्या में माइट्रोकॉन्ड्रिया पाई जाती हैं जो सांस लेने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. बात करें जीव के बारे में तो इसे इजरायल की तेल-अवीव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम ने खोजा है और इसका वैज्ञानिक नाम हेन्नीगुया साल्मिनीकोला बताया गया है. हाल ही में हुए इस शोध के प्रमुख डयाना याहलोमी ने कहा, 'यह इंसानों और दूसरे जीवों के लिए नुकसानदायक कतई नहीं है.' इसी के साथ शोधकर्ता डोरोथी ह्यूचन ने कहा, 'अब तक रहस्य है कि यह जीव कैसे विकसित हुआ. यह साल्मन फिश में एक परजीवी के तौर पर पाया जाता है. मछली से ऊर्जा प्राप्त करता है लेकिन बिना उसे नुकसान पहुंचाए. दोनों के बीच ऐसा रिश्ता है जिसमें कोई किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता. जब तक मछली जिंदा रहती है यह तब तक जीवित रहता है.जीव पर रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने इसे फ्लोरेसेंट माइक्रोस्कोप से देखा.' इसी के साथ उन्होंने बताया कि इस दौरान हरे रंग के न्यूक्लिस तो दिखे लेकिन माइटोकॉन्ड्र्रियल डीएनए नहीं दिखा. वैसे बहुत कम लोग जानते हैं कि एक ऐसा ही मामला 2010 में सामने आया था जब इटली की पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता रॉबर्टो डेनोवोरो इससे मिलता-जुलता जीव खोज निकाला था. एक्स-लवर को अपनी शादी में देख मंडप से उठ गई दुल्हन, फिर हुआ कुछ ऐसा इस जगह रहना हैं तो करना होगा अपेंडिक्स का ऑपरेशन, जानिए क्या हैं वजह इस मंदिर में आज भी रखा है गौतम बुद्ध का दांत