न्यायालय ने लगाया 25 लाख रूपए का जुर्माना, जनहित याचिका को किया खारिज

नईदिल्ली। कर्नाटक के गुलबर्ग में लघु विधान का स्थान बदलने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका दायर करने के मामले में न्यायालय ने जुर्माना आरोपित किया। दरअसल शीर्ष न्यायालय द्वारा यह कहा गया कि सरकार के कामकाज के कार्यालय परिसर लघुविधान को गुलबर्गा में 6 किलोमीटर दूर ले जाना जनहित में नहीं है।

ऐसे में न्यायालय ने कार्यकर्ता पर करीब 25 लाख रूपए जुर्माना लगाया। मिली जानकारी के अनुसार न्यायमूर्ती दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ती एम खानविलकर की पीठ द्वारा कहा गया कि उक्त याचिका जनहित याचिका की अवधारणा का गलत उपयोग है। हालांकि इसमें किसी तरह का जनहित नहीं है।

जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार न्यायालय का कहना था कि जनहित याचिका में किसी प्रकार के जनहित की बात नहीं की गई। कुछ लोगों का मानना था कि 6 किलोमीटर दूर कार्यालय जाने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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