माघ के महीने में कृष्णपक्ष की चतुर्थी आती है। कहा जाता है इस चतुर्थी का बड़ा ही महत्व होता है और इस चतुर्थी को हर जगह पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस लिस्ट में 'संकष्टी चतुर्थी', 'सकट चौथ', 'तिलकुट चौथ', 'माही चौथ' अथवा 'वक्रतुण्डी चतुर्थी' आदि शामिल है। वैसे हम आपको यह भी बता दें कि इस बार सकट चौथ 31 जनवरी 2021 को आ रही है। कहा जाता है इस दिन 'जो माताएं सकट चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी श्रद्धा से गणेश भगवान की पूजा करती हैं, उनकी संतान सदा निरोग रहती है।' इस दिन भगवान गणेश का पूजन करने के बाद उनकी आरती करना चाहिए इससे वह खुश होंगे और आपकी मनोकामना की पूर्ति होगी। आइए आपको बताते हैं श्री गणेश की आरती। श्री गणेश की आरती- जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा । लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ 'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी । कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥ जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ 'संकष्टी चतुर्थी' के दिन इस पूजा विधि से करें श्री गणेश का पूजन 60 साल से गुफा में रह रहे साधू ने राम मंदिर के लिए दिए 1 करोड़, दंग रह गए बैंककर्मी सार्वजनिक स्थान पर समलैंगिक जोड़े की हुई कोड़ों से पिटाई, जानिए क्या है वजह?