बृहस्पतिवार के दिन साईं मंदिर में श्रद्धालु बाबा से खास कृपा की आस लेकर जाते हैं। बृहस्पतिवार के दिन यदि श्रद्धालु साईं बाबा के दरबार में जाकर इन खास मंत्रों में से किसी एक का जप भी पूरी भक्ति के साथ इतनी बार जप लेता है तो, बोला जाता है कि खुश होकर साईं नाथ सदगुरू अपने श्रद्धालुओं को साक्षात दर्शन देते हैं। श्रद्धालु के दिन इस चमत्कारी साईं मंत्र का करें जप, साईं बाबा जीवन में भर देंगे खुशियां अपार। इस दिन बाबा का ध्यान करने से मनचाहे कामों में आ रही अड़चनें जल्द ही दूर हो जाती है, श्रद्धालु का भाग्य संवर जाता है। बृहस्पतिवार के दिन भक्त साईं भक्त बाबा के दरबार शिर्डी समेत देश के अन्य साईं मंदिरों में जाकर अपने कष्टों से मुक्ति की कामना भी करते है। नीचे दिये गये 8 मंत्रों में से किसी एक को भी जपने पर साईं कृपा से सोया भाग्य जाग जाता है। इन मंत्रों में से साईं मंदिर या अपने घर के पूजा स्थल पर ही बैठकर 551 बार जप करना है। जप करते वक़्त घी का एक दीपक प्रज्वलित रहना चाहिए। ये है मंत्र:- 1- ॐ शिर्डी वासाय विद्महे सच्चिदानंदाय धीमहि तन्नो साईं प्रचोदयात 2- ॐ साईं गुरुवाय नम:। 3- ॐ शिर्डी देवाय नम:। 4- ॐ सर्वदेवाय रूपाय नम:। 5- ॐ अजर अमराय नम:। 6- ॐ सर्वज्ञा सर्व देवता स्वरूप अवतारा। 7- ॐ साईं राम। 8- ॐ साईं देवाय नम:। उपरोक्त मंत्र का जप करने के पश्चात् नीचे दी गई साईं नाथ की प्रार्थना का भी पाठ करें:- ।। साईं प्रार्थना ।। 1- पल-पल जो रक्षा कें, सद रहें जो साथ। सो हमरी रक्षा करें, समर्थ साई नाथ॥ जो निज तन में दिखलायें, राम, कृष्ण, हनुमान। सो हमरी रक्षा करें, साईनाथ भगवान।। 2- जिनकी धूनी जले निरंतर, वर दे जिनके हाथ। सो हमरी रक्षा करें, सद्गुरु साई नाथ॥ जिनकी जीवन लीला से मिलते निर्मल ज्ञान। सो हमरी रक्षा करें, साई क़ृपानिधान॥ 3- जो हैं शामा के सखा, म्हालसापति के नाथ । सो हमरी रक्षा करें, सद् गुरु साई नाथ ॥ रोग-शोक जो दूर करें, दें संकट को टाल। सो हमरी रक्षा करें, दीनानाथ दयाल ॥ 4- जो बांटें उदी सदा, रक्ख़े सिर पे हाथ । सो हमरी रक्षा करें, रहें सर्वदा साथ ॥ जिनके चरणों में बसें सारे तीर्थ महान । सो हमरी रक्षा करें, साई करुणावान ॥ हनुमान, विष्णु और अन्य देवताओं को भोग लगाते समय भूल से भी ना करें ये गलती आखिर क्यों हनुमान जी ने लिया था पंचमुखी अवतार, जानिए हर मुख का महत्व शिवलिंग की पूजा के दौरान न करें ये गलतियां वरना होगा अनर्थ