7 वर्षीय बच्ची की हत्या करने वाले सद्दाम को सजा-ए-मौत, हत्यारे को मानसिक बीमार बता रहा था बचाव पक्ष

इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में 7 वर्षीय बच्ची की हत्या करने में मामले में अदालत ने दोषी को सजा-ए-मौत सुनाई है। आजाद नगर में रहने वाले सद्दाम ने बुरी नीयत से बच्ची को किडनैप किया था और बलात्कार में नाकाम रहने के बाद चाकू घोंपकर मासूम को मार डाला था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सुरेखा मिश्रा ने सद्दाम (31) को मृत्युदंड सुनाते हुए उस पर 9000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जबकि मृतक बच्ची के परिवार को सरकारी खजाने से मुआवजे के तौर पर 3 लाख रुपये देने का आदेश दिया। 

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, 'आरोपी ने जिस बर्बर तरीके से अमानवीयता की हदें पार करते हुए यह जुर्म किया है, उससे यह स्पष्ट होता है कि आरोपी पूरे समाज के लिए खतरनाक है, समाज के लिए अभिशाप है और उसका पुनर्वास संभव नहीं है।' जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि सद्दाम पर IPC और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (Pocso) अधिनियम के प्रावधानों के तहत हत्या और अपहरण का इल्जाम लगाया गया था। उन्होंने कहा कि, 'सद्दाम ने 23 सितंबर 2022 को दुष्कर्म के इरादे से 7 वर्ष की बच्ची को किडनैप कर लिया, जब वह आज़ाद नगर इलाके में अपनी दादी के घर के बाहर खेल रही थी। वह उसे अपने घर ले गया, किन्तु उसके शोर मचाने पर उसका बलात्कार करने में नाकाम रहा। जिसके बाद सद्दाम ने बच्ची को 29 बार चाकू मारा और उसकी हत्या कर दी।'

श्रीवास्तव ने आगे कहा कि कोर्ट में मुकदमे के दौरान बचाव पक्ष की सबसे बड़ी दलील यह थी कि सद्दाम की मानसिक हालत सही नहीं है और मानसिक बीमारी का उपचार ले रहा है। किन्तु, हमने इस दलील के खिलाफ कोर्ट में कहा कि जब सद्दाम ने बच्ची को किडनैप किया, तब वह एक लड़के के साथ खेल रही थी, मगर उसने दोनों बच्चों में से लड़की को ही अगवा किया, क्योंकि उसका इरादा बच्ची के साथ बलात्कार करना था। कोर्ट ने हमारे इस तर्क पर गौर किया। जुर्म करने के बाद सद्दाम अपने घर से बाहर निकला और प्रत्यक्षदर्शियों को धमकाते हुए कहा कि यदि किसी भी शख्स ने उसके अपराध की जानकारी पुलिस को दी, तो वह उसकी भी हत्या कर देगा। 

रिपोर्ट के अनुसार, आजाद नगर इलाके में एक मस्जिद में लगे CCTV कैमरे में सद्दाम द्वारा लड़की का किडनैप करने की फुटेज कैद हो गई, जिससे अपराध को निर्णायक रूप से साबित करने में सहायता मिली। सद्दाम के कब्जे से बरामद चाकू पर उसकी अंगुलियों के निशान पाए गए थे और मामले की DNA रिपोर्ट में भी बालिका के अपहरण और क़त्ल में उसके शामिल होने की पुष्टि हुई। विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौड़ ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने सद्दाम के जुर्म को साबित करने के लिए कोर्ट में 23 गवाह पेश किए, जिसमें एक 12 वर्षीय लड़का भी शामिल है। 

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