सेना को ताकत देने के लिए तैयार है रुस्तम-2

नई दिल्ली: सेना की शक्ति बढ़ाते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने घातक ड्रोन रुस्तम-2 ड्रोन का कर्नाटक के चित्रदुर्गा जिले में सफल परीक्षण कर लिया है. एक बार में लगातार 24 घंटे उड़ान भरने में सक्षम तीनों सेनाओं के लिए डीआरडीओ का बनाया यह मानवरहित विमान मध्यम ऊंचाई में लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है. डीआरडीओ ने बयान जारी कर रविवार को बताया कि रुस्तम-2 1500 करोड़ रुपये का यूएवी प्रोजेक्ट है, हथियारों को ले जाने में सक्षम रुस्तम-2 निगरानी के काम में भी लाया जाएगा.

रुस्तम-2 विभिन्न प्रकार के पेलोड ले जा सकता है. इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार, इलेक्ट्रानिक इंटेलिजेंस सिस्टम और सिचुएशनल अवेयरनेस पेलोड भी शामिल है. परीक्षण के वक्त डीआरडीओ के चेयरमैन एस.क्रिस्टोफर, एरोनाटिकल सिस्टम के महानिदेशक सीपी रामनारायणन, डीजी इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन सिस्टम्स के जे.मंजुला और अन्य वैज्ञानिक मौजूद थे.

इसे थल सेना, वायुसेना और नौसेना की जरूरतों को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. इसको अमेरिकी ड्रोन की तर्ज पर निगरानी और जासूसी के काम के लिए बनाया गया है, चित्रदुर्गा के चलाकेरे के एरानाटिकल टेस्ट रेंज में रुस्तम-2 ने सफल उड़ान भरी है, यह उड़ान इसलिए भी महत्व रखती है क्योंकि शक्तिशाली पॉवर इंजन के साथ यूजर कनफिगरेशन की यह पहली उड़ान है. 

 

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