किताब में छपा 'रोजे' है उलटी-दस्त की बीमारी

नई दिल्ली: गुजरात में हिंदी की एक किताब में रोजे को संक्रामक रोग बताया गया है, जिसपर काफी विवाद चल रहा है. दरअसल हुआ कुछ यूं है कि गुजरात के स्कूलों में चौथी कक्षा की हिंदी की किताब में रोजे को संक्रामक बीमारी कहा गया है, जिससे उल्टी और दस्त जैसी बीमारियां होती है.

बताते चले यह किताब गुजरात राज्य विद्यालय पाठ्यपुस्तक बोर्ड (GSSTB) द्वारा प्रकाशित हुई है. इस किताब में प्रेमचंद की कहानी 'ईदगाह' में यह गड़बड़ी देखी गई है. इस किताब के तीसरे पाठ में रोजा शब्द का अर्थ यह बताया गया है कि यह एक तरह संक्रामक रोग है, जिससे दस्त और उल्टी होते है,  वही इससे पहले भी GSSTB 9वीं कक्षा की किताब में जीसस क्राइस्ट के बारे में अपमानजनक बात लिखकर विवादों में घिर चूका है.

अब इस पूरे घटनाक्रम पर GSSTB के अध्यक्ष नितिन पेठानी ने मीडिया से कहा कि यह प्रिंटिंग की गलती है, जिसमें 'हैजा' की जगह 'रोजा' हो गया. नितिन के मुताबिक यह किताब 2015 से पढ़ाई जा रही है, लेकिन उसमें अब तक कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई थी. साल 2017 वाले एडिशन में ही ऐसा हुआ है. नितिन ने आगे कहा कि ऐसी कुल 15,000 प्रतियां छपी होंगी जिनको तुरंत ठीक कर दिया जाएगा.

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