उज्जैन | मध्य प्रदेश में पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने का रोडमैप तैयार किया गया है। इसमें किसानों के खेतों पर एक हिस्से में उन्नत परम्परागत कृषि, एक तिहाई हिस्से में कृषि वानिकी, कृषि उद्यानिकी तथा एक तिहाई हिस्से में पशुपालन को मुख्य आधार बनाया जायेगा। फसलों को विविधिकरण, अन्तर्वतीय फसलें तथा नवीन एवं अधिक लाभदायी फसलों को प्रदेश में बढ़ावा देने का अभियान चलाया जायेगा। उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ कृषि लागत को कम करना भी इसका एक कारक होगा। इससे कृषि आय में बढ़ौत्री हो सकेगी। कृषि लागत को कम करने के लिये उचित बीज दर, बीजोपचार, समेकित पोषण तत्व प्रबंधन, सूक्ष्म तत्वों का उपयोग, जैविक खादों तथा कीटनाशकों का उपयोग, सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देना एवं कृषि यंत्रीकरण का समुचित प्रसार किया जायेगा। यही नहीं मृदा परीक्षण, उर्वरकों का संतुलित उपयोग, फसल अनुसार जीरोटिल मशीन का उपयोग कर जमीन की तैयारी, बीज का जीवाणु टीकाकरण, स्वस्थ एवं उत्तम पौधसंख्या प्राप्त करने के लिये अनुशंसित बीज का उपयोग करते हुए बुवाई करना आदि शामिल है। जेटली बोले कृषि आय पर कोई भी कर लगाने की योजना नहीं