बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत शुरू, राजद ने अति पिछड़ों पर खेला दांव

पटना: बिहार में अतिपिछड़ों पर दावा जताने की सियासत तेज हो गई है. 50 प्रतिशत अतिपिछड़ों को भले ही चुनाव के वक़्त राजनीतिक दल भुला देते हैं, किन्तु दावेदारी में सभी दल एक से बढ़कर एक बात कह रहे हैं. इसकी शुरुआत राजद की तरफ से हुई, जिस पर जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

बिहार में विधानसभा चुनाव भले ही अगले वर्ष है, किन्तु राजनीतिक बिसात अभी से बिछने लगी है. जेडीयू ने पोस्टर जारी करते हुए सीएम नीतीश कुमार का नाम फिर से आगे किया, तो आरजेडी ने अतिपिछड़ों को लुभाने का कार्ड चलते हुए कहा है कि संगठन में पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक 60 प्रतिशत जगह अतिपिछड़ों को दी जाएगी. आरजेडी के ऐलान के साथ राजनीतिक बयानों का सिलसिला तेज हो गया. सबसे अधिक हमलावर जेडीयू के नेता हैं.

भाजपा और राजद की तरफ से भी अतिपिछड़ों का हितैषी होने की बात कही जा रही है. हालांकि राजद एक कदम आगे बढ़ कर अगले विधानसभा चुनाव में जेडीयू और भाजपा की राह अलग होने की बात कह रही है. राजनीति के जानकारों का मत नेताओं से अलग है. इनका कहना है कि जब पार्टियां जनता की भलाई और विकास के लिए कार्य नहीं करती हैं, तो पद का लालीपॉप देने लगती हैं.

लालू यादव से मिलने के बाद बोले उपेंद्र कुशवाह, कहा- उन्हें बेहतर इलाज की जरुरत

अगस्ता वेस्टलैंड : क्रिश्चियन मिशेल को दिल्ली की विशेष कोर्ट ने दिया बड़ा झटका

इस वजह से 'केजरीवाल आवास' के सामने भाजपा ने किया विरोध प्रदर्शन

 

Related News