करे शिव के इस चमत्कारी मन्त्र का जाप

महाकाल यानी शिव की उपासना ग्रह दोषों की शांति के लिए बहुत असरदार मानी गई है. जिसमें शिव के ऐसे अचूक मंत्र के जप का महत्व है, जो ग्रह पीड़ा ही दूर नहीं करता बल्कि मनचाहे फल भी देता है. यह अद्भुत और प्रभावकारी मंत्र है – 

शिव गायत्री मंत्र.

शनिवार, सोमवार, शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची चढाएं. इसके बाद इस शिव गायत्री के दिव्य मंत्र का जप करें – 

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे.  महादेवाय धीमहि. तन्नो रुद्रः प्रचोदयात

धार्मिक मान्यता है कि शनिदेव परम शिव भक्त हैं और शिव के आदेश के मुताबिक ही शनि जगत के हर प्राणी को कर्मों के आधार पर दण्ड देते हैं. इसीलिए शनि या राहु आदि ग्रह पीड़ा शांति के लिए शिव की पूजा खासतौर पर शनिवार, सोमवार को बहुत ही कारगर होती है. 

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