रमजान आया है, रमजान आया है रहमतों का बरकतों का महीना आया है लूट लो नेकियां जितना लूट सकते हो पूरे एक साल में ये ऑफर का महीना आया है Happy Ramadan 2018 हटा कर जुल्फें चेहरे से न छत पर शाम को जाना कहीं कोई ईद न कर ले अभी रमजान बाकी है Ramzan Mubarak 2018 हुस्न -ऐ-मुजसिम हो या सांवली सी सूरत इश्क अगर रूह से हो तो हर रूप बा-कमाल दिखता है Happy Ramadan तेरी सादगी का हुस्न भी लाजवाब है मुझे नाज़ है के तू मेरा इंतखाब है Happy Ramadan गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है मुबारक हो आपको रमज़ान का महीना ये पैगाम हमनें सिर्फ आपको भेजा है Happy Ramadan 2018 आसमान पे नया चांद है आया सारा आलम खुशी से जगमगाया हो रही है सहर-ओ-इफ्तार की तैयारी सज रही हैं दुवाओं की सवारी पूरे हों आपके हर दिल के अरमान मुबारक हो आप सब को प्यारा रमजान Happy Ramzan 2018 चांद से रोशन हो रमजान तुम्हारा इबादत से भरा हो रोजा तुम्हारा हर रोरा और नमाज़ कबूल हो तुम्हारी यही अल्लाह से है दुआ हमारी Ramadan Mubarak किसी का ईमान कभी रोशन ना होता आगोश में मुसलमान के अगर कुरान ना होता दुनिया ना समझ पाती कभी भूख और प्यास की कीमत अगर 12 महीनों मे 1 रमजान न होता Happy Ramadan 2018 या रब ग़म-ए-हिज्राँ में इतना तो क्या होता -चराग़ हसन हसरत चुप -एजाज़ फारूक़ी ग़मज़दा लोगों के लिए शायरी