आंदोलन में फिर आई जान, टिकैत बोले- अपनी लड़ाई नहीं हारेगा किसान

नई दिल्ली :केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन शनिवार को 66वें दिन में प्रवेश कर चुका है। किसान आज 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को सद्भावना दिवस के तौर पर मनाते हुए पूरे दिन के उपवास पर हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिंघु, गाजीपुर और टीकरी सीमा पर इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं।

दिल्ली की इन सरहदों पर किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली की तीन सीमाओं के अलावा इनसे लगे क्षेत्रों में भी 29 जनवरी रात 11 बजे से 31 जनवरी रात 11 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।  वहीं, सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद आज भारी तादाद में सुरक्षाकर्मी व पुलिस बल तैनात हैं। प्रदर्शन स्थल से लगभग 1 किलोमीटर पहले बैरिकेडिंग कर दी गई है। यहां से किसी को आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। प्रेस वालों को एसीपी स्तर के अधिकारी उनका पहचान पत्र देखकर एक-एक करके आगे पहुंचा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के लगभग 1000 वॉलंटियर ने सारी रात पहरेदारी की है। फिलहाल यहां स्थिति नियंत्रण में है।

वहीं टीकरी बॉर्डर पर बड़ी तादाद में किसानों का आना जारी है। हरियाणा के रोहतक, जींद, झज्जर से बड़ी संख्या में किसान आंदोलन में पहुंच रहे हैं। आंदोलन को खापों का समर्थन प्राप्त हुआ है। प्रत्येक खाप पंचायत के बाद लोगों को प्रदर्शन में भेजा जा रहा है। उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार के साथ बैठकर चर्चा करना चाहते हैं। सरकार की कोई मज़बूरी है तो हमें बताए। हम उसका सम्मान रखेंगे, लेकिन किसान अपनी लड़ाई नहीं हारेगा।

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