बहादुर BSF जवान की वीरता से गृह मंत्री खुश, प्रोटोकॉल तोड़कर राजनाथ सिंह ने गले लगाया

नई दिल्‍ली : जिसने भी वह दृश्य देखा देशप्रेम की भावना से भर गया जब केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बीएसएफ के अलंकरण समारोह में वीरता मेडल से सम्मानित बीएसएफ के जवान गोधराज मीणा को प्रोटोकॉल तोड़ कर गले से लगा लिया. सम्भवतः यह अपनी तरह का पहला मामला है. बता दें कि बीएसएफ के जवान गोधराज मीणा कश्मीर में आतंकरोधी अभियान में 85 प्रतिशत से अधिक शारीरिक अक्षमता का शिकार हो गए .

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अलंकरण समारोह में जब मीणा के सीने पर गृह मंत्री सिंह ने भी वीरता मेडल लगाए जाने से पहले उनके साहस की कहानी सुनी. विज्ञान भवन का विशाल सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. इतना ही नहीं वीरता के तमगे से नवाजे गए मीणा द्वारा सलामी देने के प्रयास से प्रभावित सिंह ने प्रोटोकॉल तोड़ उन्हें गले से लगा लिया. स्मरण रहे कि प्रोटोकॉल के तहत मेडल मिलने के बाद सैनिक को सम्मानित करने वाले व्यक्ति से हाथ मिलाकर सलामी देनी होती है. यह अपने आप में एक अनोखा घटनाक्रम साबित हुआ है.

गौरतलब है कि अलंकरण समारोह में मीणा की बहादुरी का किस्सा बयां किया गया, जिसके अनुसार 5 अगस्त 2014 को उधमपुर स्थित नरसू नाला के पास बीएसएफ के जवानों को ले जा रही बस पर आतंकी हमला हुआ था. बस की सुरक्षा की जिम्मेदारी 44 वर्षीय गोधराज मीणा के पास थी. उन्होंने अदम्य साहस और सूझबूझ दिखाते हुए गोलीबारी के बीच दो आतंकवादियों को अपनी बंदूक से सटीक निशाना लगाकर उन्हें बस में घुसने से रोक कर बस में सवार 30 जवानों की जान बचा ली. हालांकि इस दौरान उनके जबड़े सहित शरीर के अन्य हिस्सों में गोली लगी और मीणा न सिर्फ 85 प्रतिशत शारीरिक अक्षमता के शिकार हो गए, बल्कि अब वह बोल भी नहीं सकते हैं. मीणा ने बोलने और चलने-फिरने में अक्षम होने के बाद भी अलंकरण समारोह में वीरता सम्मान पाने के लिए पूरी वर्दी पहनी. उनके इस जज्बे से प्रभावित गृह मंत्री ने भी प्रोटोकॉल को दरकिनार कर मीणा को गले से लगाया. फिलहाल मीणा को प्रशासनिक ड्यूटी पर लगाया गया है.

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