पंजाब में नदियां खतरनाक स्तर तक प्रदूषित, एनजीटी ने ठोंका 50 करोड़ का जुर्माना

कपूरथला: पंजाब के आठ जिलों के 20 शहरों की विभिन्न नगर कौंसिलों, नगर निगमों व नगर पंचायतों के क्षेत्रों से निकलने वाला गंदा पानी सतलुज व ब्यास दरिया के जल को प्रदूषित कर रहा है. इसके अलावा ढाई हजार फैक्टरियों एवं अस्पतालों का गंदा पानी भी दोनों नदियों में जा रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बुधवार को पंजाब सरकार पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है, जिससे राज्य के कुदरती जलस्रोतों के साफ होने की आस बंधी है.

जेट एयरवेज को बचाने के लिए आगे आई मोदी सरकार, टाटा से मांगी मदद

एनजीटी की ओर से बनाई गई निगरानी कमेटी के सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बताया कि अब वह फैक्टरियों का भी निरीक्षण करेंगे और रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेंगे. इस संबंध में एक सर्वे किया जाएगा, एनजीटी द्वारा लगाए जुर्माने के बाद से पर्यावरण प्रेमियों का हौसला कुछ बढ़ा है. सीचेवाल की तरफ से दाखिल रिपोर्ट के मुताबिक सतलुज को दूषित करने में सबसे बड़ी भूमिका औद्योगिक शहर लुधियाना की रही है, सबसे अधिक कचरा व् गन्दा पानी लुधियाना से ही नदी में मिलता है.  

लगातार गिर रही सोने की कीमतों ने शादियों का सीजन आते ही मारी छलांग

उन्होंने बताया कि लुधियाना के बलोके के 152 व 105 एमएलडी के दोनों ट्रीटमेंट प्लांटों में सिर्फ 40 एमएलडी पानी ही ट्रीट हो रहा है, बाकी का सारा पानी बुड्ढा नाले से होकर नदी में समाहित हो रहा है. भट्टिया ट्रीटमेंट प्लांट चल तो रहा है लेकिन इसका पानी बाईपास होकर सीधे सतलुज में जा रहा है, जिससे नदियों का जल खतरनाक स्तर तक प्रदूषित हो रहा है.

खबरें और भी:-

जानिए क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रेस दिवस

राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस: मात्र चाटुकारिता बनकर रह गई है पत्रकारिता

सप्ताह के आखिरी दिन चमका बाजार, सुबह से ही दिखी तेज़ रिकवरी

Related News