लोकतंत्र की आवाज़ दबाने वाला आदेश पंजाब सरकार ने लिया वापस, जमकर हुआ था विरोध

चंडीगढ़:  प्रदर्शनकारियों की नारेबाजी की आवाज दबाने के लिए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यक्रमों में भजन बजाने के आदेश को पंजाब की कांग्रेस सरकार ने वापस ले लिया है। इस आदेश को यह कहते हुए वापस लिया गया है कि इसके लेखन में गलती हो गई थी। दरअसल, विशेष सुरक्षा इकाई के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) के दफ्तर ने गुरुवार को उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को 'सीएम के दौरे पर सुरक्षा इंतजाम' को लेकर एक पत्र जारी किया था।

गुरुमुखी लिपि में लिखे पत्र में कहा गया कि कुछ संगठन सीएम के दौरे पर नारेबाजी करते हैं। इसलिए, जब भी पंजाब के सीएम आपके जिले में किसी कार्यक्रम के लिए पहुंचे और अन्य संगठन प्रदर्शन करें तो डीजे लगाकर उसमें गुरबानी शबद या धार्मिक गीत चलाए जाएं ताकि नारेबाजी सुनाई ना दे।'  इस पत्र के इंटरनेट पर वायरल होने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के MLA एवं पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने सरकार पर हमला बोला था।

हरपाल सिंह ने इस आदेश को 'बेहद शर्मनाक' बताया था। उन्होंने यह आदेश ट्विटर पर शेयर भी किया था। चीमा ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, 'चरणजीत चन्नी आप कितने भयभीत हैं? प्रदर्शन कर रही यूनियन की आवाज दबाने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाना, आपका डर दर्शाता है। आप उनका सामना करने या उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। आप, बस अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे लोगों के हमदर्द होने का ड्रामा करते हैं। यह बेहद शर्मनाक है।' 

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