नयना गैंगरेप-मर्डर केस : पुणे सेशन कोर्ट ने तीनो आरोपियों को दोषी करार दिया

पुणे : पुणे की सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पुजारी गैंगरेप, मर्डर और लूट मामले में पुणे सेशन कोर्ट ने तीनो आरोपियों को दोषी करार दिया है. इस जघन्य हत्याकांड में चौथा आरोपी गवाह बन जाने के बाद कोर्ट ने फैसला लिया. अब कल इन तीनो आरोपियों को सजा सुनाई जाएगी. देश को दहला देने वाली यह घटना 8 अक्टूबर 2009 की है जब नयना पुजारी की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी. हत्यारो ने नयना के साथ लूटपाट भी की थी.

बता दे कि, नैना पुजारी पुणे में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी. वह हर रोज सुबह सात बजे ऑफिस के लिए घर से निकलती थी और शाम सात बजे तक घर आ जाती थी. वह हमेशा कंपनी की बस से आना -जाना करती थी. 7 अक्तूबर 2009 को नयना रात करीब 8 बजे सरकारी बस से ऑफिस से घर के लिए निकली थी. नयना के पति अभिजीत के मुताबिक उस रात 9.30 बजे तक वह घर नहीं पहुंची. उन्होंने अपने स्तर पर काफी देर तक नयना को तलाशा इसके बाद यरवदा थाने में उसकी गुमशुदगी की शिकायत की. अगले दिन पुलिस को विमाननगर और कल्याणी नगर के एटीएम से पैसे निकाले जाने के बारे में जानकारी दी.

उसी दिन एक महिला का शव मिला. शव की शिनाख्त नैना पुजारी के रूप में हुई. नयना का चेहरा बुरी तरह क्षत-विक्षत था. कपड़े और गहने के आधार पर उसकी पहचान हुई. पुलिस ने इस हत्याकांड में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनके नाम योगेश राउत, महेश ठाकुर, विशाल कदम और राजेश चौधरी है. इनमें से ही पहले तीन आरोपियों को सजा सुनाई जाएगी.

बताया जाता है कि इस जघन्य अपराध के मुख्यारोपी योगेश राउत ने पुलिस से कहा था कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है. उसे रेप करने की आदत हो गई है. इस बयान ने हर किसी को हैरान कर दिया था. गिरफ्तारी से पहले योगेश दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में एक झुग्गी में रहता था. उसने अपना नाम बदल लिया था. दिन में ऑफिस ब्वॉय और रात में लॉन्ड्री में काम करता था.

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हम उसका रेप कर रहे थे तो उसे हमे नहीं रोकना चाहिए था, चुपचाप जो हो रहा था होने देना था

 

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