माँ की ममता पर शायरियां

1. मोहब्बत की बात भले ही करता हो जमाना, मगर प्यार आज भी "माँ "से शुरू होता है.

 

2. ऐ मेरे मालिक तूने गुल को गुलशन में जगह दी, पानी को दरिया में जगह दी, पंछियो को आसमान मे जगह दी, तू उस शख्स को जन्नत में जगह देना, जिसने मुझे "..नौ.." महीने पेट में जगह दी....!! !!!माँ !!!

 

3. देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में, ये वो आईना है जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नहीं होते!

 

4. कुछ इसलिये भी रख लिये.. एक बेबस माँ ने नवरात्रों के उपवास..! ताकि नौ दिन तक तो उसके बच्चे भरपेट खा सकें...!!

 

5. ये कहकर मंदिर से फल की पोटली चुरा ली माँ ने.... तुम्हे खिलाने वाले तो और बहुत आ जायगे गोपाल... मगर मैने  ये चोरी का पाप ना किया तो भूख से मर जायेगा मेरा लाल....

 

6. कितना भी लिखो इसके लिये कम है। सच है ये कि " माँ " तू है, तो हम है.

 

7. हर रिश्ते में मिलावट देखी लेकिन सालो साल देखा है ,माँ को . उसके चेहरे पे न थकावट देखी न ममता में कोई मिलावट देखी..!!!

 

8. वो तो बस दुनिया के "रिवाज़ो" कि बात है वर्ना संसार मे "माँ" के अलावा सच्चा प्यार कोई नही देता.

 

9. उन बूढ़ी बुजुर्ग उँगलियों मेंकोई ताकत तो ना थी... मगर मेरा सिर झुका तो  काँपते हाथों ने जमाने भर की दौलत दे दी.

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