पठानकोट हमले का खुलासा, NSG ने नहीं दी थी गॉर्ड्स को रेस्क्यू में मदद

पठानकोट: पठानकोट एयरबेस हमले को लेकर बड़ा खुलासा सामने हुआ हैं। साल 2016 में हुए आतंकी हमले के दौरान एयरबेस के गार्ड्स ने एनएसजी से रेडियो पर मदद की मांग की थी लेकिन एनएसजी ने मैसेज को अनसुना कर दिया। ऐसा कहना है एयरबेस पर तैनात वायुसेना अधिकारी विंग कमांडर अभिजीत सरीन का। सरीन ने यह बात एनआईए को दिए गए बयान में कही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरीन ने यह स्टेटमेंट एनआईए को दिया है जो हमले से जुड़े गवाहों के बयान दर्ज कर रही है।

रेडियो सेट पर गार्ड्स ने मैसेज में कहा कि "एक आदमी मर चुका है और दो घायल हैं, हमें रेसक्यु कराइए नहीं तो हम मारे जाएंगे।" इसके बाद सरीन ने एनएसजी की कमांडो टीम को लीड कर रहे ऑफिसर ब्रिगेडियर गांगुली से मदद के लिए टीम भेजने को कहा, लेकिन उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। वहीं खबर के मुताबिक सरीन ने बयान पर कमेंट करने से मना कर दिया और दूसरी तरफ एनएसजी सूत्रों ने इस पर सरीन के दावे को गलत बताया है।

एनएसजी ब्रिगेडियर गांगुली ने अपनी एनआईए बयान में कहा है कि “एयरबेस पर फायरिंग की जगह बदली जा रही थी जिसके बाद आतंकी डीएससी लाइन एरिया में पहुंचे थे। आंतकियों को रोकने के लिए एक आर्मी टीम तैयार की गई जिसे ब्रिगेडियर अनुपिंदर बेवली लीड कर रहे थे। आर्मी टीम ने एनएसजी के साथ मिलकर डीएससी लाइन इलाके को घेर लिया था, जहां पर काफी झाड़ियां भी थीं। इसकी हमे पूरी जानकारी नहीं थी कि आतंकी कहां छिपे थे, लेकिन उसी समय तक आंतकियों को डीएससी सिपाही जगदीश राम ने डीएससी लॉन के पास ढेर कर दिया था।”और ब्रिगेडियर बेवली के बयान के मुताबिक उन्होंने डीएससी एरिया में फंसे अफसरों को निकालने का काम किया था। आपको याद दिला दे की यह घटना 1 जनवरी 2016 को हुए हमले में 6 एयरफोर्स ऑफिसर्स और 1 एनएसजी जवान शहीद हो गए थे। और 30 दिसंबर 2015 की रात को आतंकी पाकिस्तान से बॉर्डर पार कर बेस पर पहुंचे थे।

 

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