Twitter के खिलाफ एक्शन मोड में सरकार, 1 जुलाई तक देना होगा लिखित जवाब

नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर के अकाउंट ब्लॉक करने के मामले में Twitter फँस गया है। इस संबंध में संसदीय समिति ने मंगलवार को Twitter से  2 दिनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व वाली सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति ने सचिवालय को 1 जुलाई तक Twitter से लिखित में जवाब माँगने का निर्देश दिया है।

Twitter से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर समिति माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के अधिकारी को तलब कर सकती है। उल्लेखनीय है कि बीते शुक्रवार (25 जून 2021) को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के Twitter हैंडल को एक घंटे तक के लिए लॉक कर दिया गया था। वहीं, इसके बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट करते हुए यह बताया था कि उनका भी अकाउंट कुछ वक़्त के लिए ब्लॉक कर दिया गया था। थरूर ने उसी समय कहा था कि इसे लेकर संसदीय समिति Twitter से जवाब माँगेगी। बता दें कि केंद्र के नए IT नियमों को लेकर बीते कुछ दिनों से Twitter और सरकार के बीच खींचतान जारी है। 

जहाँ एक तरफ मोदी सरकार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट Twitter से नए आईटी नियमों को मानने के लिए कह रही है। वहीं दूसरी तरफ Twitter इससे मानने से इनकार कर रहा है। इसको लेकर भारत सरकार ने कंपनी को लताड़ भी लगाई थी। Twitter द्वारा जारी किए गए बयान में अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर चिंता प्रकट करने पर सरकार ने कंपनी को कहा था कि भारत में अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है न कि Twitter जैसी किसी निजी लाभकारी, विदेशी संस्था की।

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