फिर स्थगित हुई राज्यसभा, निलंबित सांसदों के मुद्दे पर हुआ हंगामा

नई दिल्ली: शीतकालीन सत्र की कार्यवाही का आज छठा दिन है। शुरू में ही हंगामा होने के चलते राज्यसभा स्थगित कर दी गई थी हालाँकि अब जब दोबारा राज्यसभा में कार्यवाही होने लगी तो फिर बवाल हो गया और दोबारा राज्यसभा स्थगित कर दी गई। आप सभी को बता दें कि यहाँ संसद परिसर में मौजूद महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने विरोध कर रहे विपक्षी नेताओं के धरने में एनसीपी चीफ शरद पवार और सपा सांसद जया बच्चन भी शामिल हुईं हैं। यहाँ विपक्षी सांसदों का धरना निलंबन के खिलाफ है।

वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'राज्यसभा में जो अड़चनें पैदा हो रही हैं उसके लिए सरकार जिम्मेदार है। सांसदों को सस्पेंड कर रहे हैं तो रूल के मुताबिक ही सस्पेंड कर सकते हैं। पिछले सत्र की बात को विंटर सेशन में लाकर सस्पेंड किया गया। हर सस्पेंड किए जाने वाले सांसदों से पहले बात कर उनको बताना चाहिए था कि क्यों सस्पेंड कर रहे हैं और ये 11 अगस्त 2021 को ही होना चाहिए था।'

इसी के साथ उन्होंने कहा, 'हमने तय किया है कि जब तक निलंबित सांसद वापस नहीं लिए जाएंगे, हम अपना विरोध जारी रखेंगे। अगर निलंबन वापस नहीं होता है तो बैठे हुए सांसदों के साथ हम भी एक दिन बैठकर उपवास करेंगे। हमने लोकसभा के सांसदों को भी ये अनुरोध किया है। सरकार जिस तरीके से चल रही है वो डिक्टेटरशिप है। मोदी जी सदन को डिक्टेटर की तरह चलाना चाहते हैं।' वहीं आगे उन्होंने कहा- 'राज्यसभा में पैदा हो रही अड़चनों के लिए सरकार ज़िम्मेदार है, हमने सदन को चलाने की बहुत कोशिश की। हम बार-बार सदन के नेता, सभापति से मिलते रहे और अपनी बात रखी कि नियम 256 के तहत जब आप निलंबित कर रहे हैं तो उस ​नियम के मुताबिक ही निलंबित कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने उन नियमों को छोड़ दिया और गलत तरीके से मानसून सत्र में घटी घटना को शीत सत्र में लाकर 12 सदस्यों को निलंबित किया। सरकार की मंशा सदन चलाने की नहीं है।'

वहीं दूसरी तरफ किसानों के समर्थन में टीआरएस सांसदों ने सदन में नारेबाजी की लोकसभा और राज्यसभा से वॉक आउट किया। आपको बता दें कि इस दौरान टीआरएस के सभी सांसदों ने काले कपड़े पहन रखे थे। इस दौरान पार्टी नेता केशव राव ने कहा, 'सरकार किसानों के प्रति असंवेदनशील है। केंद्र की जिम्मेदारी है कि वह राज्य में धान को खरीदे। किसानों का बकाया दे।' आपको बता दें कि दोपहर 2 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई थी और उसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बिल पेश करने के लिए उठे। उसी के बाद विपक्षी सांसदों ने निलंबित सांसदों के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया और इस वजह से सदन को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

पहले की सरकार ने गोरखपुर की जरूरतों को नजरअंदाज किया: सीएम आदित्यनाथ

दर्दनाक! बीच सड़क युवक पर किया हथौड़े से हमला, अधमरा कर भागे बदमाश

लाल टोपी वाले यूपी के लिए खतरे की घंटी हैं, इन्हें सत्ता से मतलब: PM मोदी

Related News