शुक्रवार को पाकिस्‍तान की नेशनल एसेंबली ने एक प्रस्ताव पारित करके उन अपराधियों को सरेआप फांसी देने का आह्वान किया जिनको बच्‍चों के यौन उत्पीड़न और उनकी हत्‍या के लिए दोषी ठहराया गया है. पाकिस्‍तानी संसद ने इस प्रस्‍ताव को भारी बहुमत के साथ पारित किया. प्रस्ताव को संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अली मुहम्मद खान ने पेश किया जिसे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अलावा सभी सांसदों ने बहुमत के साथ पारित किया. कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम देशों से समर्थन मांग-मांगकर थका पाकिस्तान, किसी ने नहीं दी तवज्जो मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री रजा परवेज अशरफ ने इस कवायद को उचित नहीं बताया है. उन्‍होंने कहा कि कठोर दंड देने भर से ही ऐसे अपराधों में कमी नहीं आएगी. हम संयुक्त राष्ट्र के कानूनों का उल्लंघन करके सार्वजनिक फांसी की सजा नहीं दे सकते हैं. पाकिस्‍तानी अखबार डॉन के हवाले से बताया है कि ऐसी सजा देने के खिलाफ रजा परवेज अशरफ ने ही अकेले आवाज बुलंद नहीं की. विज्ञान और तकनीकी मंत्री फवाद चौधरी ने भी इसकी निंदा की. पेशावर आर्मी स्कूल में आतंकी हमला करने वाला एहसानुल्लाह पाकिस्तान जेल से फरार ! इस मामले को लेकर फवाद चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि यह कदम क्रूर सभ्यता की प्रथाओं की याद दिलाता है. समाज संतुलित तरीके से कार्य करता है. बर्बरता अपराधों का जवाब नहीं है... यह अतिवाद की एक दूसरी अभिव्‍यक्ति है. इस बीच मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने सफाई देते हुए कहा कि प्रस्‍ताव सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं था, यह एक व्यक्तिगत अधिनियम था. द‍रअसल, पाकिस्‍तान में बच्‍चों के प्रति क्रूर वारदातें थम नहीं रही हैं. मुसलमानों से दुर्व्यवहार को लेकर बड़ा खुलासा, ऐलिस जी वेल्‍स ने खोले कई राज पाकिस्तान: हिन्दू लड़की ने अदालत में कहा- इस्लाम कबूल नहीं, जबरन करवाया निकाह साइंस के अनुसार दुनिया के ये हैं दस सबसे हैंडसम पुरुष, टॉप पर हैं रॉबर्ट पैटिंसन