शीर्ष अदालत की शरण में पी. चिदंबरम

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया मामले में  प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही लगातार छापेमारी से तंग आकर  सुप्रीम कोर्ट से अपने परिवार के साथ निजता और सम्मान के साथ जीने के अधिकार देने के लिए याचिका पेश की है.

बता दें कि सौ पृष्ठों की अपनी याचिका में  पी. चिदंबरम ने खुद का परिचय वरिष्ठ वकील और सांसद के तौर पर देते हुए कहा है, कि भाजपा शासित एनडीए सरकार आने के बाद से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय इन दो मामलों के कारण उनके बेटे को राजनीतिक प्रतिशोध के तहत निशाना बना रही है. लगातार समन भेजना, लंबे समय तक अनुचित रूप से पूछताछ,दुर्भावनापूर्ण रूप से गलत सूचनाएं मीडिया में लीक करने से मुझे और मेरे बेटे को पीड़ा और अपमान सहन करना पड़ रहा है.

उल्लेखनीय है कि  शीर्ष अदालत   के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अमिताव रॉय और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस याचिका पर 6 मार्च को सुनवाई के लिए अपनी सहमति दे दी.अदालत ने कार्ति को कहा कि इस मामले में सक्षम प्राधिकरण के समक्ष आग्रह कर सकते हैं, वहीं ईडी के समन में कार्ति को 1 मार्च को एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा गया है.चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती देने के संबंध में समुचित तरीके से आवेदन करने के लिए अदालत से समय मांगा.

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