बहुत खतरनाक बिमारी है ऑस्टियोपोरोसिस

स्मोकिंग और शराब का सेवन, एस्ट्रोजन लेवल का कम होना,पौष्टिक आहार न खाना और कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण ऑस्टियोपोरोसिस होता है. रिसर्च के मुताबिक महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने की आशंका पुरुषों के मुकाबले चार गुना अधिक है। पचास वर्ष से अधिक उम्र की पचास फीसदी महिलाएं इससे पीडि़त हैं। महिलाओं में एस्ट्रोजन नाम का हारमोन हड्डियों का घनत्व बनाए रखता है लेकिन मीनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर गिरने लगता है।

शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी के कारण समस्या बढऩे लगती है। कैल्शियम और विटामिन डी वाला आहार, वजन कम रखकर और समय पर हड्डियों की जांच कराकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण सामने नहीं आते और ज्यादातर मामलों में फ्रैक्चर होने के बाद ही इसके बारे में पता चलता है.

करीबन बीस फीसदी हिप फ्रैक्चर के मरीज सर्जरी के एक साल में ही मर जाते हैं, क्योंकि फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए की जाने वाली सर्जरी से निमोनिया या ब्लड क्लॉट होने की आशंका बढ़ जाती है। पचास की उम्र पार करने वाले फ्रैक्चर वाले मरीजों की सर्जरी आसान नहीं होती। तीन महीने मरीज को बिस्तर पर रहना पड़ता है और पूरे समय मदद चाहिए होती है। इसके बाद भी कई बार मरीज सामान्य जिंदगी नहीं बिता पाते।

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