'केवल मुख़्तार अंसारी की सुनते हैं ओपी राजभर..', कहकर 30 नेताओं ने छोड़ दी सुभासपा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन के सहयोगी रहे ओम प्रकाश राजभर को तगड़ा झटका लगा है। ओमप्रकाश राजभर के दो दर्जन से ज्यादा साथी नेताओं ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने अन्य कई पदाधिकारियों के साथ सुभासपा छोड़ दी है। 

सुभासपा छोड़ने के बाद सभी पदाधिकारियों ने ओपी राजभर पर कई संगीन इल्जाम लगाए हैं। साथी नेताओं ने ओपी राजभर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह (राजभर), माफिया मुख़्तार अंसारी को बड़ा भाई मानते हैं। इसीलिए वे, मुख़्तार की ही सलाह पर चलते हैं और किसी भी फैसले से पहले पार्टी के नेताओं की राय नहीं लेते हैं। सुभासपा से इस्तीफा देते वक़्त पार्टी के नेताओं ने ओपी राजभर पर मिशन से भटकने का इल्जाम लगाया। पार्टी उपाध्यक्ष रहे महेंद्र राजभर ने यहां तक कह दिया कि ओपी राजभर केवल पैसा बटोरने में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि 20 वर्ष पूर्व जब पार्टी बनी थी, तो मजदूर, गरीब और वंचित समाज के उत्थान का मिशन था, मगर अब पार्टी अपने मिशन से भटक चुकी है।

जानकारी के अनुसार, सुभासपा के लगभग 30 नेताओं ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि ओपी राजभर केवल मुख्तार अंसारी की बात सुनते हैं, वह उनको बड़ा भाई मानते हैं और किसी भी फैसले से पहले पार्टी के पदाधिकारियों की जगह  मुख्तार अंसारी की सलाह लेते हैं। महेंद्र राजभर ने दावा किया कि ओपी राजभर उतना ही करते हैं, जितना उनसे मुख्तार अंसारी कहते हैं।

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