नोएडा: लम्बे अर्से से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सीईओ पद पर काबिज आईएएस रमा रमण को सरकार अब भी नोएडा से हटाने के पक्ष में नहीं है.सरकार ने हाई कोर्ट में मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल उन्हें पद से नहीं हटाया जा रहा है. मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने इसका कारण यह बताया कि मेट्रोलाइन जैसे पांच हजार करोड़ से अधिक के कई प्रोजेक्ट रमा रमण की देखरेख में चल रहे हैं. ऐसे में उन्हें हटाए जाने पर तबादला बोर्ड सहमत नहीं है. गौरतलब है कि रमारमण की तैनाती पर अखिल भारतीय मानव कल्याण एवं समाजोत्थान एवं जितेन्द्र कुमार गोयल ने जनहित याचिका दायर कर रखी है जिसकी सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा की खंडपीठ कर रही है.बता दें कि रमारमण पहले नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. आइएएस कैडर रूल्स व सर्विस रूल्स के तहत किसी अथॉरिटी में अधिकारी की तैनाती अवधि पर भी जवाब मांगते हुए कोर्ट ने स्थायी अधिवक्ता से रमारमण के तबादले को लेकर सरकार का रुख जानना चाहा था.कोर्ट ने पूछा कि क्या प्रदेश में इनसे योग्य अन्य अधिकारी नहीं है जिसे यह जिम्मेदारी सौंपी जाए. सीईओ पद पर क्या सरकार एक अधिकारी को लम्बे समय तक तैनात रख सकती है, जबकि तीन साल से तैनात अन्य तमाम अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है. योगी को बना दिया भगतसिंह, जंजीरों में कैद भारत माता