जीएसटी काउंसिल की बैठक से ऑटो और बिस्कुट सेक्टर को मिली निराशा, होटल उद्योग को मिली राहत

नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी को आजादी के बाद देश का सबसे बड़ा टेक्स रिफॉर्म माना गया है। लेकिन इसकी बनावट को लेकर उद्योगों में हमेशा एक चिंता बनी रही है। समय-समय पर वो इसके टैक्स स्लैब में बदलाव की मांग करते रहे हैं। मंदी को देखते हुए सरकार ने जीएसटी काउंसिल की बैठक की, जिसमे सरकार बिस्कुट से लेकर कार तक पर जीएसटी में कटौती की मांग को खारिज कर दिया। समिति का कहना है कि इससे केंद्र और राज्य के राजस्व संग्रह में कमी आ जाएगी।

परिषद की फिटमेंट कमेटी जिसमें केंद्र और राज्यों दोनों के राजस्व अधिकारी शामिल हैं, उन्होंने ऑटो सेक्टर में पिछले तीन तिमाहियों के लिए मंदी को मात देने के लिए जीएसटी दर में कमी की मांग पर गौर तो किया, लेकिन समिति का मानना ​​था कि रेट में कटौती से कर संग्रह कम होगा जो कि फिलहाल कुल जीएसटी के हिसाब से ऑटो बिक्री से 50,000-60,000 करोड़ रुपये का योगदान देता है।

ज्ञात हो कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री लंबे समय से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की दर को मौजूदा 28 फीसद से घटाकर 18 फीसद करने की मांग कर रही है। समिति ने होटल उद्योग को बड़ी राहत दी है। समिति ने सिफारिश की है कि 12,000 रुपये तक के होटल कमरों (एक रात्रि के लिए) को 18 फीसद जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। समिति ने बिस्कुट, बेकरी उत्पाद, नाश्ते के अनाज, फल और सब्जियां, बोतलबंद पानी, रेडी टु ईट पैकेज्ड उत्पाद और कई अन्य खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी दर किसी बदलाव से साफ मना कर दिया है।

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