नई दिल्ली: प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक को आज दिल्ली की NIA कोर्ट में पेश किया गया है। बताया जा रहा है कि अदालत आज यासीन मलिक की सजा का ऐलान कर सकती है। इससे पहले गुरुवार को अदालत ने मलिक को टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिया था। यासीन मलिक ने सुनवाई के दौरान स्वीकार किया था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में लिप्त था। Koo App Terror funding case: #Yasin_Malik produced before NIA Court in Delhi. He was convicted by the NIA Court on 19th May. #terrorfunding - Prasar Bharati News Services (@pbns_india) 25 May 2022 अदालत ने माना है कि मलिक ने 'आजादी' के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से पूरे विश्व में एक नेटवर्क स्थापित कर लिया था। NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस संबंध में 30 मई 2017 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में एक दर्जन के ज्यादा लोगों के खिलाफ 18 जनवरी 2018 को आरोपपत्र दाखिल किया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अदालत में कहा था कि, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, JKLF, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की ISI के सहयोग से नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला करके घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसक वारदातों को अंजाम दिया है। यासीन मलिक ने अदालत में कहा था कि वह UAPA की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी संगठन का सदस्य होने) और IPC की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता। यासीन मलिक को उसके अपराधों के लिए कितनी सजा मिलेगी, ये तो अदालत के फैसले के बाद ही पता चलेगा। हालांकि, मलिक को इन मामलों में अधिकतम सजा-ए-मौत भी हो सकती है। जबकि कम से कम उम्रकैद की सजा तो पक्की मानी जा रही है। ओडिशा में भीषण सड़क हादसा, पर्यटक बस पलटने से 6 लोगों की मौत, 31 घायल कश्मीर में आतंकियों की एक और कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और उनकी 7 वर्षीय बेटी को गोलियों से भूना मुनव्वर राणा को लेकर आई बुरी खबर, हालत नाजुक, आज ही होगा बड़ा ऑपरेशन