नई दिल्ली: चीन के बहकावे में आकर अपने पारंपरिक मित्र भारत से उलझ रहे नेपाल ने अब भारत के सड़क और बाधों के बनाने पर आपत्ति जाहिर की है। नेपाल ने दलील दी है कि भारत के सड़क और बांध बनाने से उसके इलाके में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो रही है। जबकि हकीकत यह है कि नेपाल से आए पानी की वजह से बिहार के कई हिस्से जलमग्न हैं। वहीं गंडक और कोसी नदी का पानी भी निरंतर बढ़ता जा रहा है। नेपाल की स्थानीय मीडिया के मुताबिक, ओली सरकार ने भारत को बकायदा राजनयिक पत्र (डिप्लोमेटिक नोट) भेजते हुए सड़क और बांध निर्माण को लेकर आपत्ति जाहिर की है। स्थानीय अखबार ने नेपाल के सिंचाई मंत्रालय के सचिव रवींद्र नाथ श्रेष्ठ के हवाले से कहा है कि नेपाल विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में भारत को राजनयिक पत्र भेजा है, जिसमे सीमा के पास निर्माण पर आपत्ति जताई गई है। वहीं पत्र में दोनों देशों के बीच प्रतिवर्ष होने वाली बाढ़ और जल प्रबंधन की संयुक्त समिति की बैठक को जल्द आयोजित करने का अनुरोध किया गया है। अखबार से बात करते हुए नेपाल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भरतराज पौड्याल ने कहा कि राजनयिक पत्र दोनों देशों के बीच किसी आवश्यक मसले को लेकर दिया जाता रहा है। इसमें कोई नई बात नहीं है। दोनों देश किसी भी मसले को लेकर आपसी बातचीत के माध्यम से निराकरण करने में सक्षम है। कोरोना काल में भविष्य का डर ! इस पेंशन स्कीम से जुड़े 1.03 लाख नए सदस्य फीकी पड़ी सोने की चमक, चांदी ने पकड़ी रफ़्तार, जानें आज के भाव डीजल की कीमत में फिर लगी आग, लगातार 19वें दिन स्थिर पेट्रोल के दाम