आज इस आरती से करवाए माँ कात्यायनी से अपनी हर मुराद पूरी

कहा जाता है नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी का दिन मानते हैं और ऐसे में इस दिन माँ की पूजा बहुत ही विधि-विधान से करने का दिन कहा जाता है. ऐसे में माँ कात्यायनी की आरती करने से बहुत बड़े बड़े संकट टल जाते हैं. ऐसे में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं माँ की वह आरती जिसे आप सभी को माँ के सामने गाना चाहिए ताकि वह प्रसन्न हो जाए और आपको लाभ प्रदान करें.

माँ कात्यायनी आरती - 

जय कात्यायनि माँ, मैया जय कात्यायनि माँ । उपमा रहित भवानी, दूँ किसकी उपमा ॥ मैया जय कात्यायनि….

गिरजापति शिव का तप, असुर रम्भ कीन्हाँ । वर-फल जन्म रम्भ गृह, महिषासुर लीन्हाँ ॥ मैया जय कात्यायनि….

कर शशांक-शेखर तप, महिषासुर भारी । शासन कियो सुरन पर, बन अत्याचारी ॥ मैया जय कात्यायनि….

त्रिनयन ब्रह्म शचीपति, पहुँचे, अच्युत गृह । महिषासुर बध हेतू, सुर कीन्हौं आग्रह ॥ मैया जय कात्यायनि….

सुन पुकार देवन मुख, तेज हुआ मुखरित । जन्म लियो कात्यायनि, सुर-नर-मुनि के हित ॥

मैया जय कात्यायनि….

अश्विन कृष्ण-चौथ पर, प्रकटी भवभामिनि । पूजे ऋषि कात्यायन, नाम काऽऽत्यायिनि ॥ मैया जय कात्यायनि….

अश्विन शुक्ल-दशी को, महिषासुर मारा । नाम पड़ा रणचण्डी, मरणलोक न्यारा ॥ मैया जय कात्यायनि….

दूजे कल्प संहारा, रूप भद्रकाली । तीजे कल्प में दुर्गा, मारा बलशाली ॥ मैया जय कात्यायनि….

दीन्हौं पद पार्षद निज, जगतजननि माया । देवी सँग महिषासुर, रूप बहुत भाया ॥ मैया जय कात्यायनि….

उमा रमा ब्रह्माणी, सीता श्रीराधा । तुम सुर-मुनि मन-मोहनि, हरिये भव-बाधा ॥ मैया जय कात्यायनि….

जयति मङ्गला काली, आद्या भवमोचनि । सत्यानन्दस्वरूपणि, महिषासुर-मर्दनि  मैया जय कात्यायनि….

जय-जय अग्निज्वाला, साध्वी भवप्रीता । करो हरण दुःख मेरे, भव्या सुपुनीता॥ मैया जय कात्यायनि….

अघहारिणि भवतारिणि, चरण-शरण दीजै । हृदय-निवासिनि दुर्गा, कृपा-दृष्टि कीजै ॥ मैया जय कात्यायनि….

ब्रह्मा अक्षर शिवजी, तुमको नित ध्यावै । करत ‘अशोक’ नीराजन, वाञ्छितफल पावै॥ मैया जय कात्यायनि….

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