नागपंचमी पर इस तरह करें नाग देवता का पूजन, होगा महालाभ

आप सभी जानते ही हैं कि इस समय सावन का महीना चल रहा है. इस महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागों की पूजा का पर्व नागपंचमी मनाया जाता है जो आज मनाई जा रही है. वहीं इस दिन भगवान शिव के आभूषण नागों की पूजा की जाती है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जी हाँ, कहते हैं नागों की पूजा करने से घर में लक्ष्मी माता का वास होता है और नागराज वासुकी प्रसन्न होकर अभय प्रदान करते हैं. इसी के साथ इस दिन पूजन इस तरह करना चाहिए.

पूजा विधि - आज सबसे पहले भगवान शिव का स्मरण करें और उसके बाद नाग देवता की पूजा भगवान शिव के आभूषण के रूप में ही करें। अब नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन के जोड़े की मूर्ति को दूध से स्नान कराएं और श्वेत मिष्ठान का भोग लगाएं। वहीं जिन लोगों के सपने में सांप आते हों या सर्प से भय लगता हो तो ऐसे लोगों को इस दिन नागों की पूजा विशेष रूप से करना चाहिए इसी के साथ आज घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाएं और पूजा करनी चाहिए.

कहते हैं ऐसा करने से घर पर आने वाली विपत्त‍ियां टल जाती हैं और नागपंचमी के दिन ना तो भूमि को खोदना चाहिए और न ही साग काटना चाहिए। इसी के साथ इस दिन धरती पर हल भी नहीं चलना चाहिए. आज के दिन सुई धागे से किसी तरह की सिलाई आदि भी नहीं की जाती है और नागपंचमी के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए. इस दिन शिवमंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए और हनुमान मंदिर में हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करना लाभदायक हो सकता है. आज के दिन सुंदरकांड का पाठ करें और पीपल के वृक्ष के नीचे मिट्टी के बर्तन में दूध रखने से नाग देवता प्रसन्न करें. आज सुगंधित पुष्प व चंदन से पूजा करें और नमक न खाए.

इस नाग पंचमी पर जरूर करें सर्प सूक्त का पाठ

अगर आप भी नाग पंचमी पर पिलाते हैं नाग देवता को दूध तो हो जाए सावधान

नागपंचमी के दिन भूलकर भी ना करें यह काम वरना...

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