नागपंचमी 2020 : आप भी करते हैं नागदेवता का पूजन, तो जरूर पढ़ें यह मंत्र

हमारा देश भारत कई मायनों में ख़ास है। हमारे देश में विविधता भी देखने को मिलती है। चाहे त्यौहार को लेकर हो या फिर किसी और चीज को लेकर। हालांकि विविधता के बाद भी हमारा देश भारत मिलजुकर सदा एक साथ खड़ा रहता है। भारत को त्यौहारों का देश भी कहा जाता है। हिन्दुस्तान में इतने त्यौहार मनाए जाते हैं, जितने कि किसी अन्य देश में मनाना तो दूर कल्पना भी करना मुश्किल है। इसी कड़ी में भारत में जो अगला बड़ा त्यौहार आ रहा है उसका नाम नागपंचमी है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। यह त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है। 

बता दें कि हर साल सावन की शुक्ल पंचमी के दिन नागदेवता का विशेष पूजन होता है। नाग देवता को पंचमी तिथि का स्वामी भी कहा जाता है। भारत में इस बार यह त्यौहार शनिवार, 25 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं और मंदिरों एवं घरों आदि में नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। व्रत रखने वाले लोग चतुर्थी तिथि को केवल एक समय ही भोजन करते हैं और वे नाग देवता का पूजन कर व्रत पंचमी तिथि को शाम के समय खोलते हैं। 

इस मंत्र का जरूर करें जाप 

सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले। ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः। ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः। ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नमः।।

यदि आप भी नागदेवता का पूजन करते हैं या नाग पंचमी का व्रत रखते हैं तो आपको इस मंत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। यह मंत्र आपको उचित फल प्रदान कर सकता है। ध्यान रहें कि नाग देवता की पूजा के दौरान हमे तन के साथ ही मन से भी पवित्र और स्वच्छ होने की आवश्यकता है।  

 

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