किसानों पर नजर रख रही मप्र राज्य सरकार

दिल्ली में आंदोलन को लेकर चिंता के मद्देनजर, मप्र सरकार ने किसान संगठनों पर नजर रखना शुरू कर दिया है, ताकि दिल्ली में आंदोलन का राज्य पर असर न हो। देश में कुछ क्षेत्रों में खेत के बिल के खिलाफ आक्रोश है, इसलिए किसान दिल्ली में धरना दे रहे हैं।

हालाँकि राज्य के किसानों ने अभी तक आंदोलन में भाग नहीं लिया है, लेकिन सरकार उन पर नज़र रख रही है। 2018 में किसानों का आंदोलन हिंसक हो गया और गुस्साए किसानों को शांत करने के लिए पुलिस को गोलीबारी का सहारा लेना पड़ा। गोलीबारी के परिणामस्वरूप पांच किसानों ने अपनी जान गंवा दी। इसलिए राज्य सरकार उस घटना के बाद किसानों के प्रति संवेदनशील हो गई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर राज्य में किसानों के बीच गलतफहमी है। किसानों को आश्वासन देने के बावजूद सरकार ने अभी तक मक्का की खरीद नहीं की है।

कुछ अन्य मुद्दों को लेकर किसानों में गुस्सा है, लेकिन सरकार इसे लेकर सावधान है। कुछ राजनीतिक दल केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कृषि नीतियों की कमियों के बारे में भी किसानों से बात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को किसानों के बारे में अत्यधिक संवेदनशील कहा जाता है। इसकी वजह यह है कि केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के गुस्से का राज्य पर बहुत कम प्रभाव है। कांग्रेस द्वारा किसानों को लुभाने के सभी प्रयासों के बावजूद, वे उपचुनावों में भाजपा के साथ खड़े रहे। अब केंद्र सरकार द्वारा मंडी अधिनियम में संशोधन के बाद किसानों के गुस्से से निपटने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।

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