इस राज्य में स्वास्थ्य विभाग के 80 से ज्यादा अधिकारी व डॉक्टर कोरोना से है संक्रमित

भोपाल : मध्य प्रदेश में कोरोना के फैलाव को रोकने की मंशा से लागू किए गए लॉकडाउन में आपदा प्रबंधन की अब नींद खुल गई है. इस संकट की घड़ी में जिस स्वास्थ्य महकमे पर सबसे ज्यादा दारोमदार था, उसके 80 से ज्यादा अधिकारी और डॉक्टर संक्रमित हो गए है. यह इस बात को साबित करता है कि लापरवाही किस स्तर पर बरती गई होगी. रोजमर्रा के जरूरत की चीजें नहीं मिलने से लोगों में बैचेनी बढ़ी है. गली-मोहल्लों में बंदिशों की धज्जियां उड़ती नजर आ रहीं हैं.

बता दें की बैंक प्रबंधन भी शारीरिक दूरी का पालन कराने में बुरी तरह असफल रहा. खातों से राशि निकालने के लिए बैंक के बाहर लंबी-लंभी कतारें लगी देखी गईं. इंदौर और भोपाल में फैलती संक्रमण की स्थिति ने सरकार से लेकर सबकी नींद उड़ा कर रख दी है. धीरे-धीरे संक्रमण का दायरा राज्य के 24 जिलों तक फैल गया है.

वहीं प्रदेश में 23 मार्च को रात नौ बजे शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग की एक प्रकार से औपचारिक शुरुआत हुई. इसी दिन भोपाल, इंदौर और जबलपुर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया. इसके बाद 25 मार्च से 21 दिन का लॉकडाउन लागू हुआ. इसी दौरान ऑफिस, दुकान, परिवहन आदि सब बंद कर दिए, लेकिन शराब दुकानें खुली रहीं. चौतरफा विरोध के सुर सुनाई देने के बाद इन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया.

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